एक चमत्कारी पौधा टूटी या खिसकी हुई हड्डी को 1-2 दिन में जोड़ देगा। जानिए इसके अनेक बेमिसाल फायदे।

419

चौलाई इस शब्द को शायद ही किसी ने सुना होगा?  किन्तु, जिन्हे पता है इस अतरंगी पौधे के बारे में वह बता देंगे आपको इसके बेमिसाल फ़ायदे  यह ऐसे तो पुरे विश्व में पाई जाती है, किन्तु अधिकतर गाँव में।  इसके फूल कभी पर्पल तो कभी लाल रंग के होते है।  ज़्यादातर इसका प्रयोग बरसात एवँ गर्मी के मौसम में किया जाता है। 

चौलाई औषधीय गुणों से भरपूर है इसमें विटामिन c , सोना, धातु, आदि पाया जाता है।  इसे विषदन के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि, यह पौधा सभी प्रकार के विषों का निवारण करता है।  इसकी खासियत यह भी है, की औषधि के रूप में चौलाई पाँचो अंग की समस्याओं के लिए मदद रूप है।  

अब सवाल यह उठता है, आखिर यह चमत्कारी पौधा है क्या?

यह ऐसे तो मुख्य रूप से दो तरह के होते है देशी और जंगली। देशी पौधों के पतों की सब्जियाँ खाई जाती है।  जँगली चौलाई में काँटे पाए जाते है।  

आइए अब हम आपको बताएंगे चौलाई  के बेमिसाल फ़ायदे –

टूटी हड्डी को जोड़ ने में सहायता करें। 

चौलाई का इस्तेमाल ज़्यादातर गाँव में किया जाता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए आपको सबसे पहले  देशी चौलाई के 15 से 20 पत्तों को कूटकर उसका रस निकालना होगा।  इसका रस कोई भी ऐसा व्यक्ति पिए जिसकी हड्डी टूटी हुई हो तो उस व्यक्ति की हड्डी में आपको कुछ ही समय में चमत्कारी परिणाम नज़र आने लगते है।  परन्तु, एक बात स्मरण रहे किसी भी व्यक्ति को इसके ज़्यादा से ज़्यादा दो चमच का सेवन करना चाहिए।

इसका इस्तेमाल कृपया आप हड्डी टूटने पर तुरँत ना करें।  पहले प्लास्टर याँ कोई मलहम डॉक्टर से लगवाना फिर ही इसका इस्तेमाल करना। यदि, इसका इस्तेमाल तुरँत कर दिया गया तो हड्डी जिधर अटक गयी है उधर ही रह जाएगी। 

एनीमिया की समस्या का समाधान है – चौलाई 

चौलाई के अंदर कई सारे ऐसे गन होते है, जिससे कई सारी समस्याओं का अंत होता है।  उसमें से एक है एनीमिया।  चौलाई में मौजूद गन एनीमिया की समस्या का अंत करते है।  एनीमिया के मरीज़ को अवस्य ही चौलाई का साग खाना चाहिए।  

पाचन तंत्र भी रहेगा  मजबूत 

चौलाई में रेशे, क्षार द्रव्य होते है जिससे आँतो में मौजूद चिपके हुए मल को निकलकर आपके पेट को साफ़ करती है।  बच्चे हो याँ बुजुर्ग यह सबके लिए लाभदायक है।  बच्चों को इसके पत्तों का रस पिलाना बहुत फायदेमंद होता है।  इससे पेट साफ़ तो रहेगा ही परन्तु कब्ज की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा।  

महिलाओं के लिए भी लाभदायक है 

यह माताओं के लिए उपयोगी है जो महिलाऐं स्तनपान करवाती है उनके लिए।  दूध की कमी हो तो ऐसे में चौलाई के साग का सेवन करना लाभदायक माना जाता है। इससे  श्वेत प्रदर रोग भी ठीक होता है। इसके लिए आप चौलाई की जड़ को पीसकर चावल के पसावन में दाल सकते है शहद मिलकर।  इसे पिने से आपकी समस्या काफी कम होगी।  साथ ही जिन महिलाओं को बार-बार गर्भपात होता है, उन महिलाओं के लिए भी चौलाई का साग खाना लाभदायक है।  

विष होगा ख़त्म

यदि चूहे, बिच्छू याँ आदि किसी का विष चढ़ गया हो तो चौलाई के रस का सेवन करना लाभदायक माना जाता है।  आप जड़ के क्वाथ में काली मिर्च डालकर भी पिएंगे तो भी विष दूर हो सकता है।  

चौलाई का सेवन याँ रस का सेवन करने से अनेक प्रकार के विकार दूर होते है।  

देशी चौलाई के फ़ायदे तो काफी है। 

यह तो केवल कुछ मुख्य फायदे थे। कुछ लोग इसकी सब्जी बना के भी कहते है। प्रसव में भी फ़ायदेमंद माना गया है चौलाई के पत्तों का रस। इतना ही नहीं गर्भावस्था में उलटी रोकने में भी यह सफल है। 

आयुर्वेद में इसे किसी भी तरह के चर्म रोग की दवा मानते है जिसके पत्तो का रस लेप कर 21 दिनों में वह रोग ठीक हो जाता है। शरीर में यदि खून भी बह रहा है और बंद नहीं हो रहा है तो लाल पत्तो वाली चौलाई की जड़ को पानी में पीस कर पीने से रुक जाता है। यदि एक बार पीने से नहीं रुक रहा है तो 12 घंटो बाद फिर से पीने को कहा जाता है। गर्भावस्था में खून बह रहा हो या बलगम के साथ – यह सब में है लाभकारी। 

मान्यता है कि गर्भवती को खून दिखाई दे तुरंत यह पी ले – गिरता हुआ गर्भ रुक जाएगा। खास कर उन महिलाओ को यह अवश्य चावल के पानी के साथ लेना चाहिए – जिनको गर्भ गिरने कि बीमारी है। 

अन्य और फायदे – 

  • पेट या अमाशय में कोई रोग 
  • शरीर में कही भी जलन – चौलाई का काढ़ा पी लीजिए
  • पथरी में तो चौलाई का साग 40 दिनों तक रोज सेवन करे। 
  • मुहांसे, कील और झाइयो में लाभदायक। 
  • दर्द और सूजन में फायदेमंद। 
  • कैंसर पर भी रोक लगता है चौला का रस या साग
  • गठिया, ब्लड प्रेशर और ह्रदय के रोग के लिए लाभकारी। 
  • खुनी बवासीर या फिर मूत्र में खून आना – चौलाई है लाभदायक। 
  • कब्ज को रखे दूर। 
  • पेट कि भिन्न रोगो से छुटकारा। 
  • बालो कि समस्याओ से रखे दूर – चाहे हो बाल टूटने कि समस्या या फिर सफ़ेद बालो कि परेशानी। 
  • प्रसव के बाद चौलाई के सेवन से महिले को दूध कि कमी नहीं होगी। 
  • पेशाब में जलन कि समस्या भी छूट जायेगी। 
  • खून कि कमी की परेशानी से भी पा सकते है छुटकारा। 
हमरा सहयोग करे, कुछ दान करे , ताकी हम सचाई आपके सामने लाते रहे , आप हमरी न्यूज़ शेयर करके भी हमरा सहयोग कर सकते