Sniffing dogs कर पाएंगे कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की पहचान ?

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कोरोना से ग्रसित मरीजों की खोज करने के लिए दुनिया में कोई पुख्ता तकनीक नहीं है | भारत में भी यही आलम है क्यूंकि जांच में उपयोग होने वाली किट्स की कमी से सब जूझ रहे हैं | इसपर रिसर्च लगातार जारी है पर वायरस काफी तेज़ी से फैलता जा रहा है | यह मुद्दा काफी चिंताजनक है पर होम मिनिस्स्ट्री के अधिकारीयों ने स्निफ़र डॉग्स की मदद लेने को कहा है |

दूसरे देश भी इस प्रकार के प्रयोग कर रहे हैं-

कर्नल, डॉक्टर पी.के. चुग (Sniffer Dog Dept., Home Ministry) ने बताया है कि इस समय मेडिकल डिटेक्शन से जुड़े डॉग्स का उपयोग किया जा सकता है | कोरोना वायरस से ग्रसित मरीजों की पहचान के सन्दर्भ में उन्होंने कहा दूसरे देश भी इस प्रकार के प्रयोग कर रहे हैं | उन्होंने बताया लंदन में इसकी असल स्थिति का पता लगाने के लिए इन डॉग्स का इस्तेमाल किया जा रहा है | कई बीमारियाँ हैं जिनमे इन डॉग्स की मदद ली जाती है और कैंसर के लिए तो काफी समय से इनका इस्तेमाल हो रहा है |

आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि डॉग्स काफी अच्छे से सूंघ सकते हैं और देश विदेश में इन्हें बोम्ब डिटेक्शन एवं दूसरे क्राइम्स का पता लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है | लंदन में ही पहले इन्हें मलेरिया से इन्फेक्टेड व्यक्तियों की पहचान के लिए प्रयोग में लाया गया था |

ट्रेंड डॉग्स रक्त एवं लार से पहचान सकेंगे-

डॉ. चुग बताते हैं कि अगर व्यक्ति बीमार है तो उसकी पेशाब एवं लार की गंध अलग होगी | उसके रक्त की गंध भी बदल जाएगी | इसको आधार मानते हुए ट्रेंड डॉग्स रक्त एवं लार व पेशाब को सूंघ कर भी मरीज़ को पहचान सकेंगे | ज्ञात हो कि लॉकडाउन होने के बाद भी भारत में रोज़ नए मरीज़ मिल रहे हैं और ये आंकड़ा अब 22,000 से ज्यादा हो गया है |

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