RBI द्वारा टॉप 50 डिफाल्टर्स के 68,607 करोड़ रुपये के ऋण माफ़ किये जाने की खबर एक कोरी अफवाह मात्र

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ऐसी खबर प्राप्त हुई है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने करीब पचास विलफुल बकाएदारों के ऋण को पूर्णतः माफ़ कर दिया है और इस सूची में विजय माल्या एवं मेहुल चौकसी भी शामिल हैं | परंतु यह महज़ एक अफवाह मात्र है |

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के घोटाले में लिप्त मेहुल चौकसी जो हीरों का व्यापारी है वह अभी फरार है | इसके साथ साथ 50 डिफॉल्टर्स के ऋण को भी बट्टे के खाते में डाल दिया है | उल्लेखनीय है कि इस घोटाले की कुल राशि 68,607 करोड़ रुपये है | रिज़र्व बैंक ने एक RTI का जवाब देते हुए इसका खुलासा किया |

इसके बारे में और बताते हुए RBI ने यह साफ़ कर दिया कि बट्टा खाता वह होता है जिसमे ऐसे ऋण डाले जाते हैं जिनकी वसूली नहीं हो पायी है | सबी बैंक्स ऐसा करते हैं क्यूंकि इसके माध्यम से बही खाते साफ़ सुथरे दिखते हैं | इन लोन्स को बैलेंस शीट से भी अलग किया जाता है जिसे राईट ऑफ कहा जाता है |

RBI ने साफ़ शब्दों में बता दिया कि राईट ऑफ और कर्ज माफ़ी दोनों अलग अलग चीज़ें हैं और राईट ऑफ का मतलब कर्ज माफ़ी बिलकुल भी नहीं है | रिज़र्व बैंक के अनुसार कुछ अज्ञानी लोग इसे बिना समझे कुछ भी बोलकर भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं जो गलत है | जो ऋण फस जाते हैं उनकी वसूली संभव है और जब यह वसूली पूर्ण हो जाती है तब इसे बैलेंस शीट में भी दिखाया जाता है |

साकेत गोखले ने RTI का इस्तेमाल करते हुए RBI टॉप पचास डिफाल्टर्स (विलफुल) की जानकारी मांगी थी | RTI में 16 फ़रवरी तक उनकी स्थिति का ब्योरा माँगा गया था | साकेत गोखले ने बताया कि उन्होंने निर्मला सीतारमण (वित्तमंत्री) एवं अनुराग ठाकुर (वित्त राज्यमंत्री) के द्वारा राहुल गाँधी के प्रश्न पर चुप्पी को देखते हुए RTI का उपयोग किया |

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