मप्र के राज्यपाल लालजी टंडन का 85 वर्ष की आयु में लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में उपचार के दौरान निधन हो गया । दिवंगत राजयपाल लालजी टंडन को पिछले महीने 11 जून को सांस लेने में दिक्कत, बुखार और पेशाब संबंधी समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था । उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और उनके बेटे आशुतोष टंडन ने अपने ट्वीट में लिखा- बाबूजी नहीं रहे ।
उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक व्यक्त किया है । उत्तरप्रदेश सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है । उनकी तबीयत खराब होने के कारण उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्यप्रदेश का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था । कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन ‘गोपाल जी’ ने बताया कि, लालजी टंडन का अंतिम संस्कार गुलाला घाट चौक में शाम साढ़े चार बजे होगा ।
अटल बिहारी के काफी करीबी थे लालजी-
दिवंगत राज्यपाल लालजी टंडन का जन्म 12 अप्रैल, 1935 में हुआ था । उन्होंने स्नातक तक पढ़ाई की।सन 1958 में लालजी का विवाह कृष्णा टंडन के साथ हुआ । अपने शुरुआती जीवन में ही वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे । संघ से जुड़ने के दौरान ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से उनकी मुलाकात हुई। लालजी शुरू से ही अटल बिहारी वाजपेयी के काफी करीब रहे । वे कहते थे कि अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीति में उनके साथी, भाई और पिता तीनों की भूमिका अदा की ।
इनका राजनीतिक सफर 1960 में शुरू हुआ और वे दो बार पार्षद चुने गए और दो बार विधान परिषद के सदस्य रहे । उन्होंने इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ जेपी आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था । 90 के दशक में प्रदेश में भाजपा और बसपा की गठबंधन सरकार बनाने में भी उनका अहम योगदान माना जाता है ।
1978 से 1984 तक और 1990 से 1996 तक लालजी टंडन दो बार उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे । इस दौरान 1991-92 की उत्तर प्रदेश सरकार में वह मंत्री भी रहे। इसके बाद लालजी टंडन 1996 से 2009 तक लगातार तीन बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे । 1997 में वह नगर विकास मंत्री रहे। 2009 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीति से दूर होने के बाद लखनऊ लोकसभा सीट खाली हो गई, इसके बाद भाजपा ने लालजी टंडन को यह सीट सौंपी । लोकसभा चुनाव में लालजी टंडन ने लखनऊ सीट से आसानी से जीत हासिल की और संसद पहुंचे । उन्हें 2018 में बिहार के राज्यपाल की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और वर्तमान में वे मध्यप्रदेश के राज्यपाल थे ।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ साथ उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी व्यक्त किया दुःख-
राष्ट्रपति कोविंद ने मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर दुख जताते हुए ट्वीट किया है की, ‘मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री लाल जी टंडन के निधन से हमने एक महान नेता खो दिया है, जिन्होंने लखनऊ का सांस्कृतिक परिष्कार किया और जो कुशाग्रबुद्धि वाले राष्ट्रीय नेता थे। मैं उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता हूं । उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना ।’
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘श्री लालजी टंडन को समाज सेवा के उनके अथक प्रयासों के लिए याद किया जाएगा । उन्होंने उत्तर प्रदेश में भाजपा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने एक प्रभावी प्रशासक के रूप में अपनी पहचान बनाई, हमेशा लोक कल्याण को महत्व दिया। उनके निधन से दुखी हूं।’
Shri Lalji Tandon will be remembered for his untiring efforts to serve society. He played a key role in strengthening the BJP in Uttar Pradesh. He made a mark as an effective administrator, always giving importance of public welfare. Anguished by his passing away. pic.twitter.com/6GeYOb5ApI
— Narendra Modi (@narendramodi) July 21, 2020
लालजी टंडन के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा, ‘मध्यप्रदेश के माननीय राज्यपाल श्री लालजी टंडन जी के निधन की खबर सुनकर शोक हुआ । उनके निधन से देश ने एक लोकप्रिय जननेता, योग्य प्रशासक एवं प्रखर समाज सेवी को खोया है । वे लखनऊ के प्राण थे । ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना करता हूं । मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं ।’
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