China को फिर दिया India ने करारा झटका, पड़ोसियों के लिए बदले खरीदी नियम

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भारत द्वारा पिछले महीने चीन के एप पर पाबंदी और उसके बाद दूसरे देशों के जरिये चोर दरवाजे से भारत में कारोबार करने की चीन की रणनीति एक झटके में खत्म होती दिख रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि हाल के दिनों में भारत ने जो आर्थिक दीवार खड़ी की है, उसे पार पाना चीन के लिए आसान नहीं होगा।

केंद्र सरकार ने चीन समेत पड़ोसी देशों के उत्पादों और सेवाओं को सरकारी कंपनियों में भागीदारी पर रोक लगा दी। इसके पहले पिछले महीने चीन के 59 ऐप पर पाबंदी लग चुकी है जिससे चीन को करारा झटका लगा है। वहीं घरेलू कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार पहले ही सरकारी कंपनियों में 200 करोड़ रुपये तक के ठेके को वैश्विक बोली के दायरे से बाहर कर चुकी है।

सामान्य वित्तीय नियम 2017 में संशोधन-

इससे जहां देश की छोटी कंपनियों को फायदा होगा वहीँ चीन समेत दुनिया की बड़ी कंपनियां एक झटके से इस फैसले से बाहर हो गईं। सूत्रों के मुताबिक, सरकार एयर कंडीशनर, उसके कलपुर्जों, फर्नीचर और चमड़े के उत्पाद के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 16-17 अरब डॉलर (लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये) के निवेश के प्रस्तावों पर विचार कर रही है।

सरकार की तैयारी जल्द से जल्द इन सामानों पर चीनी निर्भरता खत्म कर आत्मनिर्भर बनने की है। घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इन चीजों पर आयात शुल्क बढ़ाने पर भी विचार कर रही है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि, भारत सरकार ने सामान्य वित्तीय नियम, 2017 को संशोधित किया है ताकि, उन देशों के बोली दाताओं पर नियंत्रण लगाया जा सके जिनकी सीमा भारत से लगती हैं।

देश की सुरक्षा से जुड़े मामलों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।  आदेश के अनुसार, ‘नया प्रावधान सभी निविदाओं पर लागू होगा। जिन निविदाओं को पहले ही आमंत्रित किया जा चुका है या वे पात्रता के मूल्यांकन का पहला चरण पूरा नहीं हुआ, जिन बोलीदाताओं का पंजीकरण नहीं है, उन्हें पात्र नहीं माना जाएगा।’

चीन द्वारा बांग्लादेश को लुभाने की कोशिश-

भारत में चीनी उत्पादों पर सख्ती से चीन डर गया है, अब वह अपने नए दोस्त बांग्लादेश को लुभाने की कोशिश कर रहा है। चीन ने बांग्लादेश को बड़े प्रोत्साहन देने की घोषणा करते हुए एक जुलाई से बांग्लादेश के उत्पादों पर शुल्क में 97 प्रतिशत की छूट देने का फैसला किया है। सरकार की आर्थिक कूटनीति तथा बांग्लादेश और चीन के बीच पत्रों के आदान-प्रदान के बीच चीन के शुल्क आयोग ने हाल में नोटिस जारी कर बांग्लादेश के 97 प्रतिशत उत्पादों पर शुल्क को शून्य कर दिया है। इस घोषणा के बाद बांग्लादेश के 97 प्रतिशत यानी 8,256 उत्पाद शुल्क छूट के दायरे में आ गए हैं। अभी तक बांग्लादेश के 3,095 उत्पादों को एशिया-प्रशांत व्यापार करार के तहत चीन के बाजारों में शुल्क मुक्त पहुंच उपलब्ध थी।

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