एक तरफ है चीन जो बोखला गया सीमा पर सडको का निर्माण शुरू हुआ तब और इन दिनों नेपाल जो उसके इशारो पर नाच रहा है उसे भी भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर से परेशानी होने लगी है जब की वे पूरी तरह से असैन्य है। बाढ़ का बहाना बना रहे है नेपाल और भारतीय सड़को और बांधो को लेके विरोध जारी किया है। उसने बकायदा राजनयिक पत्र भेजा और विरोध जताया है। इसमें कहा कि – भारत ने नेपाल से दक्षिण की और बहती नदियों और उसके प्राकृतिक प्रवाह को रोक देने के लिए सड़को, बांधो, तटबंधो, और अन्य चीज़ो का निर्माण किया है।
एक असैन्य देश नेपाल चीन के इशारो पर नाच कर भारत का विरोध कर रहा है जो भारत पर कई तरह से निर्भर करता है।
नेपाल के प्रमुख ने यह जानकारी दी।
नेपाल के प्रमुख समाचारपत्र कांतिपुर ने दी है यह जानकारी जिसमे कहा गया है कि सिंचाई मंत्रालय के सचिव रविंद्रनाथ श्रेष्ठ के हवाले से कहा विदेश मंत्रालय के माध्यम से भेजा भारत को एक राजनयिक पत्र। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए भारतीय पक्ष के साथ बातचीत चल रही है। नियमित कार्यक्रम के अनुसार, जल प्रबंधन और बाढ़ पर नेपाल भारत संयुक्त समिति (JCIFM) कि बैठक नवंबर में होगी। इस साल भारतीय पक्ष को बैठक को समय से पूर्व आयोजित करने को कहा गया है।
हाल ही में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता भरतराज पौडियाल ने कहा –
राजनयिक नोटों के द्वारा अन्य मंत्रालयों से समबन्धित देशो को पत्र भेजने का काम नियमित है। उन्होंने आगे कहा कि नेपाल और भारत दोनों ही आवश्यक होने पर राजनयिक नोट्स का प्रदान करते है। नेपाल के लिए भारत को यह नोट भेजना कोई नई बात नहीं है।
खबर के अनुसार यह राजनयिक नोट में लिखा गया है कि भारत ने सीमा के क्षेत्र में बने बांधो और तटबंधों कि ऊंचाई बढ़ा कर नदी के दोनों किनारो पर तटबंधों का निर्माण किया जिससे प्राकृतिक प्रवाह को रोका गया है।
इससे स्पष्ट है कि पिछले दिनों नेपाल के गृहमंत्री राम बहादुर थापा ने कहा था कि भारत ने सीमा पर समानांतर सड़को और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करके पानी को रोक दी और नेपाल को डूबा दिया है। उन्होंने भारत पर नेपाल से बहने वाली नदियों में संधियों समझौते और हस्तक्षेप के उल्लंघन का भी आरोप लगाया। सभा कि लोक सुशासन और प्रशासन समिति कि एक बैठक में थापा ने कहा – भारत ने सीमा के समानंतर सड़को का निर्माण किया है जिससे तराई क्षेत्र में बाढ़ आ रही है।
यदि कोई रास्ता नहीं निकला तो नेपाल पूरी तरह से दुब जाएगा। इस तरह से नेपाल भारत पर अप्रत्यक्ष रूप से हमले कर रहा है और काम के बिच में अर्चने डाल रहा है।
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