कानपुर में आईपीएस के साथ 11 पुलिसकर्मियों को किया सस्पेंड – 30 लाख फिरौती पुलिस के सामने देने पर भी बेटे को नहीं बचा पाए।

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कानपुर, उत्तर प्रदेश (Kanpur, Uttar Pradesh) – संजीत कानपूर में रहते थे जिनका पिछले महीने 22 जून को हुआ था अपहरण – 29 जून को परिजनों को फ़ोन आया और फिरौती कि मांग की गई। अब ADG BP जोगदंड पुरे मामले की जांच पड़ताल करेंगे। वह 30 लाख रुपए की फिरौती के लिए जाने के आरोपो पर भी जांच करेंगे। 

उत्तर प्रदेश के कानपूर में किडनेपिंग के बाद हुआ मर्डर जिसका एक सनसनीखेज मामला सामने आया है।  एक महीने पहले लैब तकनीशियन संजीत का हुआ था अपहरण और यह हरकत उनके ही दोस्तों ने की थी।  गुरुवार को इस मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर दिया गया है। गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को कहा कि उन्होंने अपहरण के 4 दिन पश्चात संजीत को मार डाला और लाश को पाण्डु नदी में फेंक दिया गया था। लैब तकनीशियन के परिजनों ने आरोप लगाया कि उन्होंने पुलिस की जानकारी में अपहरण करने वालो को 30 लाख की फिरौती दी किन्तु फिर भी उनका बेटा कैसे नहीं बचा? और इसके बाद सरकार ने ठीक से करवाई करते हुए आईपीएस के साथ 11 पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया। 

ADG करेंगे इस मामले की जांच। आईपीएस सहित 11 पुलिस कर्मियों को किया सस्पेंड। 

एक महीने तक इस मामले की तह तक न पहुंच पाने और परिजनों द्वारा फिरौती के आरोपों के पश्चात कानपूर की ASP आईपीएस अपर्णा गुप्ता को कर दिया सस्पेंड। इसके अलावा, अपहरण के दौरान डिप्टी SP रहे मनोज गुप्ता – चौकी इंचार्ज राजेश कुमार सहित 5 और पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया। 6 सिपाहियों को भी सस्पेंड कर दिया गया है। चौकी इंचार्ज चरणजीत राय तो पहले ही सस्पेंड हो चुके है। 

ADG BP जोगदंड पुरे मामले की जांच करेंगे। ADG को कानपूर पहुंचने का तुरंत निर्देश दिया गया है। पुलिस ने संजीत की हत्या की खबर उनके परिजनों को गुरुवार रात मे दे दी थी। 

शहर के बर्रा इलाके में रहते थे संजीत जिनका 22 जून को हुआ था अपहरण। 29 जून को उसके परिजनों के पास फिरौती की मांग के लिए फ़ोन आया था। 30 लाख रुपए फिरौती मांगी थी जिसकी पुलिस को सुचना दे दी गई थी। तो वहीँ जिस नंबर से फ़ोन आया था उसकी जांच पर पुलिस लग गई थी किन्तु संजीत या आरोपियों का पता नहीं लगा। 

घर जेवर बेच कर फिरौती की रकम इकठ्ठा की। 

संजीत के परिजनों का कहना है कि उन्होंने अपना घर जेवरात और बेटी कि शादी के लिए जमा किये पैसे मिला कर 30 लाख रुपए का इंतज़ाम किया था। 13 जुलाई को पुलिस के साथ अपहरणकर्ताओं को पैसे देने गए थे। और अपहरण कर्ता पुलिस के सामने ही 30 लाख रुपए ले के चले गए। इसके पश्चात भी बेटा वापिस नहीं मिला तो परिवार ने पुलिस पर आरोप लगाए। इस घटना के पश्चात SSP ने बर्रा इंस्पेक्टर रंजीत रॉय को सस्पेंड कर दिया  था। 

संजीत का शव गुरूवार को पांडु नदी में डुंडा जा रहा है किन्तु पुलिस अब तक कामयाब नहीं हुई है। 

पुलिस के अनुसार संजीत के साथ एक लैब में काम कर चुके उनके 2 दोस्त 22 जून को उनसे मिले थे और वे संजीत को पास वाले ढाबे पर खाना खिलाने को लेके और वहां तीनो ने शराब पी थी।  नशे कि हालत में धुत संजीत ने दोस्तों को कहा कि में पैथोलॉजी लैब खोलने वाला हूँ। सभी तैयारियां हो चुकी है। संजीत की यह बात सुनके ही उसे ढाबे से उसके दोस्तों ने कर लिया अपहरण। पनकी में रहने वाले कुलदीप की थी यह पूरी साजिश। इसमें कुलदीप, उसकी गर्लफ्रेंड, और कुलदीप के दोस्त ज्ञानेंद्र, रामजी शुक्ल सहित 3 अन्य लोग भी थे शामिल।

बाइक को झाड़ियों में छुपा दी थी – ताकि कोई सुराग न मिले। 26 जून को ही ह्त्या कर दी थी।

दोस्तों ने संजीत की बाइक को रामादेवी में झाड़ियों के बिच छुपा दी थी। कुलदीप ने अपनी गर्लफ्रेंड को पत्नी कहकर रतनलाल नगर में किराये का रूम ले लिया था। संजीत को रतनलाल के उस नगर में रखा गया और उसे नशे नींद का इंजेक्शन देते थे। अपहरणकर्ताओं ने फिरौती मांगने के लिए सिम कार्ड ख़रीदा था। संजीत आरोपियों को पहचानता था इसलिए पकडे जाने के दर की वजह से आरोपियों ने 26 जून को ही उसकी हत्या कर दी। एसएसपी दिनेश कुमार के अनुसार – संजीत का अपहरण करने वालो में उसके 2 ख़ास मित्र थे। 

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