SC ने जगन्नाथ रथयात्रा को किया रद्द पर Eid और Ramzaan पर साधी थी चुप्पी- यह कैसा पक्षपात ?

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सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक याचिका पर सुनवाई की है और यह फैसला सुनाया है कि कोरोना से बचाव और लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करने के लिए इस वर्ष जगन्नाथ पुरी मंदिर में रथ यात्रा का आयोजन नहीं किया जाये |

SC ने यह भी कहा कि इजाज़त देने पर प्रभु जगन्नाथ उन पर क्रोधित हो उठेंगे | परंतु इस फैसले का सोशल मीडिया पर लोगों ने पुरजोर विरोध किया है | इस पर काफी सारी प्रतिक्रियाएँ आई और ट्विटर पर यूज़र्स ने फैसले को यह कहते हुए नकारा कि ईद और रमजान में कोरोना नहीं था क्या |

किसने दायर की याचिका ?

ओडिशा विकाश परिषद् (NGO) द्वारा सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर करवाई गयी थी | उनके द्वारा इस पिटीशन में तर्क दिया गया था कि अगर रथयात्रा आयोजित की गयी तो कोरोना फैलेगा | इसके अलावा इसमें यह भी कहा कि दिवाली पर पटाखे प्रतिंधित हो सकतें हैं तो फिर कोरोना से बचने के लिए इस साल इस यात्रा को भी रद्द किया जा सकता है |

निराश हैं लोग-

जाहिर सी बात है कि लोगों की धार्मिक भावना इस रथयात्रा से जुड़ी है और अगर इसे रद्द किया गया तो लोग निराश ज़रूर होंगे | काफी लोग कह रहें कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप न करे एवं कुछ लोगों के अनुसार इस मामले पुनर्विचार करने की याचिका भी देनी चाहिए | ऐसी खबर भी मिली है कि राज्य की सरकार से मंदिर प्रबंधन द्वारा श्रधालुओं के बिना यात्रा करने का आग्रह किया था परंतु सरकार और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने किसी प्रकार का जवाब नहीं दिया |

ट्विटर पर बोले लोग-

ट्विटर पर तो वैसे भी लोग भड़के हुए कमेंट्स कर रहे हैं इसी बीच संदीप सिंह नाम के यूज़र ने लिखा कि रमजान और ईद पर किसी की सुनवाई और याचिका काम नहीं करती बस हिन्दू त्योहारों पर कोर्ट द्वारा पक्षपात किया जाता है |


एक और यूजर ने लिखा कि यह बड़ा ही दुखद फैसला है सुप्रीम कोर्ट द्वारा क्योंकि सारे धार्मिक स्थल लगभग खुल गए हैं तो फिर रथयात्रा को भी होना चाहिए | कृपया इस फैसले की समीक्षा की जाए | मात्र चालीस से पचास लोगों को यात्रा में शामिल होने दें और सोशल डिस्टेंसिंग पर भी जोर दें पर यात्रा रद्द न करें |

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