कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते आंकड़ों से जहां एक तरफ पूरा देश परेशान है, वही दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट भी कोरोना कहर से अछूता नही है। सुप्रीम कोर्ट ने बीते मंगलवार को कहा कि देश में कोरोना वायरस की स्थिति पहले से भी ज्यादा गंभीर होती जा रही है। भारत सरकार द्वारा उचित कदम उठाये जाने के बाद भी कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि का आकलन किया जा रहा है, यह टिप्पणी पंजाब के एक व्यवसायी जगजीत सिंह चहल की पैरोल की याचिका पर सुनवाई के दौरान रोहिग्टन एफ नरीमन (जस्टिस) की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय पीठ ने की ।
जेल भेजकर कोरोना को मिलेगा बढ़ावा-
जगजीत सिंह चहल के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज है, किन्तु कोरोना की बढ़ती स्थिति को देखते हुए पीठ ने कहा कि पैरोल पर चल रहे व्यक्ति को फिर से भीड़ वाले जेल में वापस भेजना, कोरोना को बढ़ावा देने के समान होगा, जो कि देश हित में उचित फैसला नही होगा । पीठ ने कहा कि हाइकोर्ट में अपील लंबित होने तक चहल की पैरोल को बढ़ाई जाये।
कोरोना की स्थिति को देखते हुये जस्टिस नरीमन ने कहा कि हर गुजरते दिन के साथ कोरोना वायरस का प्रकोप भी बढ़ते ही जा रहा है, लोग इसके बेहतर होने की कामना कर रहे है, लेकिन स्थिति और भी खतरनाक होते जा रही है। कोरोना का संक्रमण धीरे-धीरे हर क्षेत्र में अपना पैर फैला रहा है।
सुप्रीम कोर्ट में भी उपस्थित-
सुप्रीम कोर्ट में भी कोरोना वायरस ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा ली है। सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्री कार्यालय के एक एडिशनल रजिस्ट्रार सहित दो और कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाये गये है | जिसके बाद अगले तीन दिनों तक कोर्ट को बंद कर दिया गया है। साथ ही सभी तरह के दस्तावेजों और फाइल सेक्शन को पूर्ण रूप से सेनेटाइज करने का काम किया जा रहा है । सुप्रीम कोर्ट के करीब डेढ़ दर्जन कर्मचारी पिछले तीन महीनों में कोरोना से संक्रमित हो चुके है । साथ ही राजीव नय्यर (वरिष्ठ वकील) के क्लर्क विनोद कुमार की कोरोना के कारण मौत भी हो चुकी है ।
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