पद्मश्री से सम्‍मानित होंगी कभी मैला ढोने वाली ऊषा चोमर

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जयपुर. पद्मश्री पुरस्कारों के लिए राजस्थान से 5 लोगों के नामों का ऐलान किया गया है। अलवर की ऊषा, सीकर के सुंडाराम वर्मा, बगरू के मुन्ना मास्टर और राजस्थानभर में काम कर चुके हिम्मताराम भांभू और उस्ताद अनवर खान का नाम शामिल है। ऊषा चोमर राजस्थान के अलवर जिले की रहने वाली हैं और मैला ढोने का काम करती थीं.

पद्म पुरस्कार के लिए चुने जाने पर ऊषा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। वह कहती हैं कि महात्मा गांधी के बाद पीएम मोदी ही ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने हाथ में झाड़ू लिया और इसका असर देशभर के लोगों पर हुआ। ऊषा का विवाह बचपन में ही महज 10 वर्ष की आयु में हो गया था। जब वह ससुराल पहुंची तो उन्हें वहां मैला ढोने के काम में लगा दिया गया।

अलवर जिले में नई दिशा संस्था से जुड़ने के बाद मैला ढोने वाली 157 महिलाओं का जीवन पूरी तरह से बदल गया. ऊषा की जिंदगी में ये बदलाव तब आया जव वे ‘सुलभ इंटरनेशनल’ नाम की संस्था से जुड़ीं। सुलभ इंटरनेशनल से जुड़कर उन्होंने न सिर्फ मैला ढोने का काम छोड़ा, बल्कि लोगों को स्वच्छता के लिए प्रेरित किया। उन्‍होंने बताया कि उन्हें स्वच्छता से जुड़े काम के लिए ही अवार्ड मिला है. महिलाओं के लिए आइकॉन बनने के सवाल पर उषा ने कहती हैं कि उन्होंने गंदगी, बदबू और लानतभरी जिंदगी देखी है. उस समय वह जीना ही नहीं चाहती थीं. वह रोजाना मर-मर कर जीवन जीती थीं.

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