ISRO को fuel बचाने में मदद करने के लिए तमिल नाडु में नया लांच पैड!

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चेन्नई, तमिल नाडु (Chennai, Tamil Nadu) – देश का दूसरा अंतरिक्ष यान को कुलसकरापट्टिनम तमिल नाडु में स्थापित हुआ है नया लांच पैड जहाँ श्रीहरिकोटा से अधिक लाभ है। SSLV बिना कोई fuel के इस्तेमाल किए दक्षिण ध्रुव तक उड़ सकता है और अपने रस्ते में श्रीलंका के आसपास भी घूम सकता है। 

शनिवार की वीडियो कांफ्रेंस में चेयरमैन K सिवान ने कहा – पोलर मिशन के दौरान, बड़े लांच वाहन एक प्रक्षेप पथ का अनुसरण करते हैं जहां वे श्रीलंका से उड़ान भरने से बचने के लिए श्रीहरिकोटा से लिफ्ट-ऑफ के बाद दक्षिण-पूर्व दिशा में उड़ान भरते हैं, रॉकेट के मलबे से भूभाग की रक्षा करते हैं। यह राकेट फिर एक तीव्र युद्धाभ्यास से दक्षिण पोल की तरफ आगे बढ़ता है। यह युद्धाभ्यास राकेट को सीधी उड़ान से विचलित करता है जिसमे ज़्यादा fuel की आवश्यकता होती है क्युकी वह राकेट के भार क्षमता के अनुसार इस्तेमाल होता है। 

जब कुलसकरापट्टिनम से लांच हुआ है – यह युद्धाभ्यास की जरूरत नहीं है और तब राकेट के fuel की बचत भी होती है और साथ ही राकेट की भार क्षमता भी अच्छी होती है। बड़े वाहनों में पेलोड का नुक्सान प्रबंधनीय होता है। किन्तु जब छोटे उपग्रह के वाहनों की बात होती है तब ऐसा युद्धाभ्यास भार की क्षमता देगा ही नहीं। 

सिवान का कहना है – 

“हमने कुलसकरापट्टिनम इसलिए चुना है क्यूंकि यह दक्षिण और में सीधी उड़ान में काफी लाभ देता है किन्तु जब बात लांच पैड की आती है तब कुलसकरापट्टिनम लांच पड़फ श्रीहरिकोटा से भिन्न नहीं है।”

नए स्पेसपोर्ट के लिए SSLV में पृथ्वी की सतह से 2,000 किमी से भी कम कम-पृथ्वी की ऑर्बिट में 500 किलोग्राम वजन वाले छोटे उपग्रहों को लॉन्च करने की उम्मीद है। सतीश धवन स्पेस सेण्टर श्रीहरिकोटा में 145 sq किमी जितना फैला हुआ है के पास 2 लांच पैड्स है – PSLV और GSLV फ्लाइट। 

कुलसकरापट्टिनम के मैदान में – इसरो एक कदम ही दूर है स्पेसपोर्ट बनाने में और local अफसर उम्मीद कर रहे है की TN सरकार जल्द ही वह आर्डर को अनुमति देदे जिससे आगे का काम शुरू हो पायेगा। TN ने 2019 में भूमि अधिग्रहण शुरू कर दिया है। कुछ 2300 एकड़ ज़मीन ३ गांव पर निर्धारित है – मथवनकुरीचि, पादकपातु, और पल्लाकुरीचि!

वहां के कलेक्टर संदीप नन्दूरी ने कहा –

“हमने राज्य को प्रस्ताव भेज दिया है इस पर अनुमति देने के लिए। हम आशा करते है सरकार का इस महीने में अनुमति आ जायेगी जिसके बाद हम उस ज़मीन पर प्रवेश करने की अनुमति देंगे और फिर ज़मीन पर काम शुरू होगा तब इसरो जो चाहे उस ज़मीन पर कर सकते है।” अफसरों ने बताया कि जिस ज़मीन का प्रस्ताव भेजा गया है वहां की काफी ज़मीन मथवनकुरीचि गांव में है। 

उस वीडियो कांफ्रेंस में सिवान ने बताया – 

नए भारतीय स्पेस प्रमोशन सेंटर (IN-SPACe) के लिए अनुमति मिल चुकी है और केंद्र ने काफी रूचि दिखाई है देश में स्पेस गतिविधियों को बढ़ाने में। चेयरमैन ने कहा कि सारे प्रोजेक्ट गगणयान को गईं कर टेस्ट फ्लाइट केवल कोरोना के इस लॉकडाउन की वजह से विलम्भ किया है। 

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