भारत (India) – दशा माँ का त्यौहार हिन्दू लोगो के लिए बहुत महत्व का रहता है जिसमे वे 10 दिन पहले से माता जी के स्वागत की तैयारी शुरू कर देते है। गुजरात में दशा माँ का – भक्तजन खूब अच्छे से स्वागत करते है। वे अपने घर की सफाई से ले के दशा माँ के लिए घर को सजा देने तक पूरी तैयारी करते है और बढे ही प्यार और ख़ुशी से माता जी की स्थापना करते है। 10 दिन तक मानो ख़ुशियों का माहौल घर में आस पास में बना रहता है। और 10 दिन बाद माता जी की मूर्ति का होता है विसर्जन।
इस साल कोरोना के कहर में विसर्जन पर रोक लगायी।
कोविद-19 का अनलॉक पीरियड चल रहा था और रात से सुबह 5 बजे तक का कर्फ्यू था – जिसमे बुधवार की रात मतलब 29 जुलाई 2020 को माताजी का विसर्जन होना था। कर्फ्यू की वजह से लोगो को कहा कि वे मूर्ति विसर्जन अगले दिन सुबह 5 बजे कर सकते है। किन्तु यह बताने के कुछ ही समय पश्चात कहा गया कि इस साल माँ को अपने घर पर विसर्जित करे या फिर घर के पास कुंड बना के विसर्जित करे।
क्या POP कि मूर्ति घर में विसर्जित की जा सकती है?
इस साल मार्किट में मिट्टी कि मूर्ति उपलब्ध ही नहीं थी और यदि थी तो थोड़ी ही संख्या में थी। और अधिकतर POP की मूर्ति ही मार्किट में बिक रही थी। जिसे भक्तो ने खरीद कर अपने घर में स्थापना की। बल्कि इस साल गलियों में मंडप लगाने की अनुमति नहीं दी गई और सभी भक्तो ने यह बात मान कर अपने घर में ही मूर्ति की स्थापना की। और फिर 10वे दिन तक लोगो को खबर तक नहीं की कि विसर्जन कैसे कब करना है। उसके पश्चात पूछे जाने पर लोगो को बताया गया कि वे रात में विसर्जन नहीं कर सकते इसलिए दूसरे दिन – 11वे दिन कि सुबह 5 बजे कर सकते है।
This is 3rd time i am asking you @BhaindarMira what is the procedure for Dashamaa murti visarjan
Because Tomorrow early morning around 3 am people have to come out with murti for visarjan.@whatmirabhywant @MiraBhyUpdates @Mirabhytweets @MiraRdHelpline— Kaushal Patadia🇮🇳 (@kaushalppatadia) July 29, 2020
और फिर कुछ ही समय में विसर्जन होने से रोक दिया और कहा – “अपने घर पर ही मूर्ति विसर्जन करिये।”
VMC issued a new notification related to immersion of Dasha Maa Idols.
As per the new notification they mentioned it is still prohibited to immerse idols at River, Pond , Or any other water resources.
And asked… https://t.co/osC3KlGfrp— Barodianbuzz (@barodianbuzz) July 29, 2020
यदि घर में विसर्जन करना है तो मिट्टी कि मूर्ति होनी चाहिए – POP कि मूर्ति कैसे घर में विसर्जित होगी।
5000 का रखा दंड। लोगो का कहना – यदि यही करना था तो POP कि मूर्ति बिकने क्यों दी गई?
जो इंसान मूर्ति विसर्जित करने जाएगा – उनको 5000 का दंड लगाया जाएगा। और कितने ऐसे लोगो को 5000 का दंड भुगतना पड़ा। कुछ लोग डर डर के मूर्ति जल्दी से विसर्जित करके आ गए।
VM did a big announcement related to immersion of Dasha Maa Idol.
As per the notification it is not allowed to do immersion in any of Public River, Pond or any water sources.
And if failing to do so leads them penalty of RS.5000 and legal procedure.#vadodara #baroda pic.twitter.com/797R8QO6fR— Krunal Rajput (@Krunalhr8) July 26, 2020
In Vadodara,
One guy spent more than 1 lakh and made arrangements for visarajan of all dasha maa murti , so he n his friends can do visarajan in Lake,Police arrested those 4-5 people
So ram bhumi poojan is ok, but 4-5 people can’t do visarajan,#Hindu Ke Muh Pe Tamacha
— Kane (@Kane_Willa) July 30, 2020
इसलिए लोग काफी क्रोधित है। 2 लोग एक घर से जाते तब – क्या सोशल डिस्टन्सिंग से विसर्जन नहीं हो सकता था?
लोगो का गुस्सा होना भी जाहिर है। सरकार ने कोरोना के कहर कि वजह से माता जी के इस पावन व्रत का अपमान किया है। क्या सोशल डिस्टन्सिंग और मास्क के साथ विसर्जन नहीं हो सकता था?
Vadodara Municipal Corporation did a big announcement related to immersion of Dasha Maa Idol.
As per the notification it is not allowed to do immersion in any of Public River, Pond or any water sources.
And if failing to do so leads them penalty of RS.5000 and legal procedure. pic.twitter.com/90Wyb7kBRs— Baroda Mirror (@BarodaMirror) July 25, 2020
यदि नहीं तो आज ईद कि नमाज़ सोशल डिस्टन्सिंग के साथ कैसे हो रही है?
आज दिल्ली कि जामा मस्जिद में लोग सोशल डिस्टन्सिंग को ध्यान में रखते हुए ईद कि नमाज़ पढ़ रहे है। और दिल्ली के अलावा अन्य कई जगहों पर नमाज़ पढ़ी जा रही है। त्योहारों का मौसम है और लोग गाइडलाइन्स को ध्यान में रखते हुए अपने त्यौहार मना रहे है किन्तु ये भेदभाव क्यों?
सोशल मीडिया पर लोग गुस्से में नज़र आए।
ट्विटर पर लोग तरह तरह के बयान दे रहे है – कुछ कह रहे है कि वे देख लेंगे आगे अन्य समुदाय के त्यौहार भी आएँगे। हमेशा हिन्दुओ के त्योहारों में ऐसा अन्याय क्यों? कुछ कह रहे है कि हम घर में विसर्जन करने के लिए तैयार है किन्तु POP कि मूर्ति लोग कैसे विसर्जित करेंगे। और विसर्जन कि अपनी एक मानता है। कई पुलिस ने लोगो को भगाया है मूर्ति सहित और नदी में विसर्जन होने नहीं दिया। और वही पुलिस दिल्ली में आज ईद महोत्सव में नमाज़ के दौरान पहरा देते हुए नज़र आए।
Thank you for not allowing visarjan for Dasha Maa. SOPs could have been laid in advance…will keep an eye on other festivals too…accordingly prepare myself as voter for next elections. @BhaindarMira @OfficeofUT @uddhavthackeray
— Jatin Vyas (@vj4i_2k) July 30, 2020
देश भर में ईद मनाया जा रहा है और वही हिन्दुओ के त्योहारों पर रोक है।
न गणपति विसर्जन, न दशा माँ के विसर्जन और ना ही नवरात्रि। कुछ कह रहे है – अब तो आवाज़ उठानी होगी। या तो कोई त्यौहार मत मनाओ – अन्यथा सभी को मानाने दो। भेदभाव पक्षपात मत करिए। कई भक्तो ने क्रोध का प्रदर्शन भी किया
इससे समुदाय के बीच लड़ाई का माहौल भी बन सकता है। चाहे सोशल डिस्टन्सिंग का पालन किया हो चाहे नहीं किया हो किन्तु, हिन्दुओ के त्योहारों पर क्यों ? यदि, मुस्लिम मस्जिद जा कर नमाज़ पढ़ सकते है तो हिन्दू क्या सोशल डिस्टन्सिंग का पालन कर के दशा माँ, गणपति, का नदी में विसर्जन नहीं कर सकते ? सवाल यहाँ हिन्दू या मुस्लिम का नहीं, सवाल सही और गलत का है ? मुस्लिमों का त्यौहार घर के बहार मनाया जा सकता है तो हिन्दुओं का क्यों है? क्या कोरोना केवल हिन्दुओ को ही हो सकता है अन्य समुदाय को नहीं?
No ganesh visarjan, no dashamaa, no krishna janma in temples, in this pandemic time you hv to take precautions and action. You’re failure as collector
— kashyap vaishnav (@kashyapvaishnav) July 23, 2020
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