एक तरफ कांग्रेस ने आज खुलकर किया चीन का समर्थन – कहा चीन के बहिष्कार का सवाल ही नहीं और दूसरी तरफ वामपंथी पार्टी ने भी दिया चीन का साथ।
कांग्रेस पार्टी ने अब है चीन के साथ खड़ी है खुलके। १५ जून को चीन की सेना ने भारत की सेना पर किया था हमला – भारतीय सैनिको ने चीन की सेना उधर ही बदला ले लिया था वहीँ का वहीँ पर।
किन्तु भारत के भीतर के कई लोग चीन के साथ है – और इन लोगो ने चीन की सेना और चीन की सरकार की एक भी बार आलोचना नहीं की है। किन्तु यह लोग लगातार भारत सरकार पर ही हमला बोल ले रहे है। आज २० जून है और हमले के ५ दिनों के बाद कांग्रेस ने खुलकर अपना समर्थन दिखाया है चीन की तरफ।
चीन के बहिष्कार का तो कोई सवाल ही नहीं उठता है।
एक तरफ है भारत देश के लोग जो कर रहे है बहिष्कार चीन का और चीन के हर चीज़ो के बहिष्कार की मांग कर रहे है ताकि पैसा चीन तक पहुंचे ही नहीं और वहीँ दूसरी तरफ है कांग्रेस के नेत। कांग्रेस के नेता पी चिंदम्बरम ने आज अपने बयान में कहा कि – चीन का बहिष्कार नहीं होना चाहिए और न ही बहिष्कार का कोई सवाल पैदा होता है।
We must become self-reliant as much as possible but we can't decouple with the rest of the world. India must continue to part of the global supply chain & not boycott Chinese goods. What part of Chinese trade with India is China's world trade? It's a fraction: P Chidambaram (1/2) pic.twitter.com/JXEQrh59tK
— ANI (@ANI) June 20, 2020
भारत सरकार ने पिछले कुछ दिनों रेलवे, टेलीकॉम, और अन्य विभागों में चीन को मिले कुछ projects भी रद्द किये गए – चिंदम्बरम ने उसका भी किया विरोध।
भारत की वामपंथी पार्टी सी.पी.एम. के नेता सीताराम येचुरी ने भी किया सहयोग चीन का।
१५ जून की रात्रि भारत और चीन की सेना के बिच हुआ बढ़ा हिंसक – हमला किया था चीनी सेना ने जिसका मुहतोड़ जवाब भारतीय सेना भी दिया था। और इस घटना के पश्चात भारत के किसी भी वामपंथी पार्टी ने चीन के खिलाफ बयान नहीं दिया था पर अब ४ दिन बाद १९ जून को भारत की सबसे बढ़ी पार्टी के सी.पी.एम. के नेता सीताराम येचुरी ने अप्रत्यक्ष और आधिकारिक रूप से चीन का सहयोग किया है।
सी.पी.एम. नेता सीताराम येचुरी ने आज चीनी भाई भाई का नारा किया और बोलै कि भारत को किसी भी कीमत पर किये गए समझौते को तोडना नहीं चाहिए था और इस समझौते का पालन करना चाहिए था।
यह बता दे कि यह पंचशील समझौता नेहरू ने किया था जिसकी तरह ही हिंदी चीनी भाई भाई कहा गया था – चीन ने इस समझौते का पालन तोड़ा और भारत पर हमला किया और भारत के कई हिस्सों पर अपना कब्ज़ा कर लिया था जो आज भी बरकरार है – तो क्या आज भी कांग्रेस चाहते है कि चीनी लोग भारत कि ज़मीन ले ले?
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