पिछले दिनों में एक जानकारी को सेक्युलर मीडिया और लिबरल जमात ने काफी तेज़ी से फैलाया था – खबर में कहा था कि वाराणसी में एक नेपाली को पकड़ा गया और पीटा गया – उसका मुंडन किया और उस से जय श्री राम के नारे भी लगवाए गए थे। अब पुलिस उसकी जांच में एक नई तस्वीर ही सामने ले के आई है – भारत और नेपाल के रिश्ते इन दिनों काफी तल्ख चल रहे है और ज्यादा ख़राब करने के मकसद से यह एक बड़ी साजिश रची गई थी।
नेपाली नहीं बल्कि भारतीय था।
दरअसल जो शक्श का मुंडन वाराणसी में हुआ था और जिसको सेक्युलर मीडिया और लिबरल जमात ने नेपाली कहा था वो असल में तो नेपाल था ही नहीं बल्कि भारतीय है और वह 1000 रुपए ले के नेपाली बन गया था। पुलिस ने इस शक्श को गिरफ्तार किया है जिसका नाम धर्मेंद्र है – यह एक साड़ी कि दूकान में काम करता है और यह नेपाली बन गया था केवल 1000 रुपए से। पुलिस अब अरुण पाठक नाम के शिव सेना के नेता कि खोज में है जिसने यह बड़ी साजिश रची है। अरुण पाठक फरार है और पुलिस ने इस मामले में 4 लोगो को गिरफ्तार कर लिया है।
His name is Dharmendra Singh and he is not a Nepali. Took 1000 rs to do this stunt in Varanasi. Four arrested, 1 absconding. pic.twitter.com/mZfuOaWVdD
— Raj Shekhar Jha (@rajshekharTOI) July 18, 2020
यह जानकारी ले ले कि पिछले कुछ दिनों से नेपाल के वामपंथी प्रधानमंत्री ने भगवान् राम पर आपत्तिजनक बयान देते हुए कहा था कि भगवान् राम नेपाली थे और साथ ही यह भी कहा था कि अयोध्या तो भारत में है ही नहीं बल्कि नेपाल में है।
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