बुधवार को दिल्ली पुलिस के हाथों बहुत बड़ी कामयाबी लगी । राजधानी के बापरोला इलाके के एक खूंखार सीरियल किलर की तलाश दिल्ली पुलिस को बहुत समय से थी । उनकी यह तलाश बुधवार रात को खत्म हो गयी जब वह सीरियल किलर उनके हत्थे चढ़ गया । बताया जा रहा है कि गिरफ्तार आरोपी बीएएमएस डॉक्टर है और उसका नाम देवेंद्र शर्मा है । देवेंद्र शर्मा पर आरोप है कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर बहुत सारे टैक्सी चालकों की हत्या की है ।
16 साल की कैद से फरार हो गया था-
देवेंद्र शर्मा अपने साथियों के साथ मिलकर टैक्सी चालकों को अगवा करता था और फिर उनकी हत्या करता था । उसके बाद वह उनका शव यूपी के कासगंज जी हजार नहर में मगरमच्छ के आगे फेंक देता था । आरोपी पर इल्जाम है कि इस तरह उसने करीब 40 से भी ज्यादा हत्याएं की हैं । साथ ही साथ उस पर किडनी रैकेट चलाने का भी इल्जाम है । अभी दिल्ली पुलिस उससे पूछताछ करने में जुटी है और उसके सारे रिकॉर्ड को खंगाल रही है ।
देवेंद्र शर्मा 2004 में किडनी ट्रांसप्लांट कांड में जयपुर बल्लभगढ़ और गुरुग्राम के केस में आरोपी था । इसी तरह करीब उस पर 125 से ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांट करने का आरोप है । एक डॉक्टर से सीरियल किलर बनने का रास्ता उसने क्यों चुना इसकी जांच दिल्ली पुलिस कर रही है । उसके खिलाफ हत्या का मुकदमा जयपुर में भी दर्ज हुआ है ।
देवेंद्र शर्मा और उसके साथियों पर 2002 से लेकर 2004 तक हत्या के आरोप लगे हुए हैं । हत्या के बाद आरोपी या तो टैक्सी बेच देता था या तो मेरठ में जाकर उन्हें कटवा देता था । पुलिस के मुताबिक आरोपी जयपुर सेंट्रल जेल में हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा था । इसी दौरान पैरोल पर बाहर आया था लेकिन वापस जेल नहीं लौटा ।
पुलिस ने कैसे किया गिरफ्तार ?
क्राइम ब्रांच के डीएसपी राकेश बावरिया के मुताबिक वह अपराधियों के बारे में जानकारी एकत्रित कर रहे थे । गुप्त सूचना मिली कि हत्या के मामले में सजा भुगत रहा देवेंद्र शर्मा जयपुर जेल से 20 दिनों के लिए पैरोल पर बाहर आया था लेकिन तभी से फरार चल रहा था ।
वह पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के बापरोला इलाकों में छुपा हुआ था । सूचना के आधार पर पुलिस ने एक टीम को उसके पीछे लगाया । इसी टीम ने बापरोला इलाके में गली नंबर 10 में एक घर में रहे रहे देवेंद्र शर्मा को गिरफ्तार कर लिया ।
पूछताछ के बाद आरोपी देवेंद्र शर्मा ने बताया कि उसने बिहार के सिवान से अपनी डॉक्टर की पढ़ाई पूरी की है और 11 साल तक जयपुर में अपना अस्पताल और डायग्नोस्टिक सेंटर चलाया है । 2004 में भारी नुकसान के बाद उसने किडनी रैकेट में शामिल हो गया ।
जेल से पैरोल पर निकलने के बाद वह दिल्ली में मार्च के बाद से छुपा हुआ था । पैरोल के बाद वह अपने पैतृक गांव में रुका और फिर मार्च की शुरुआत में दिल्ली आ गया । इसके बाद वह बापरोला गया जहां एक विधवा महिला से शादी की और गुप्त रूप से रहने लगा।
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