निसर्ग जो एक चक्रवाती तूफ़ान है वह महाराष्ट्र के तटीय इलाको से आज टकराएगा | यह एक दम ताज़ा जानकारी है जो मौसम विभाग द्वारा दी गयी है | तबाही के आसार गुजरात और महाराष्ट्र में दिख रहे हैं इसलिए इन दोनों प्रदेशों में रेड अलर्ट घोषित हो चुका है | मौसम विभाग के अनुसार यह तूफ़ान काफी घातक बन सकने में सक्षम दिखाई दे रहा है | मशराष्ट्र में भारी वर्षा शुरू हो ही चुकी है और तूफ़ान के कारण रायगढ़ और पालघर में जो परमाणु संयंत्र हैं वहां भी खतरे के आसार नज़र आने लगे हैं | इनको सुरक्षित रखने के लिए इन्तेजाम जारी हैं और तारापुर परमाणु प्लांट (पालघर) भारत के सबसे पुराना प्लांट है जहाँ नुकसान हो सकता है | दूसरी तरफ गुजरात एवं महाराष्ट्र के तटीय इलाकों से लगभग चालीस हज़ार लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया है और किसी को भी इन इलाकों में जाने की अनुमति नहीं है |
#WATCH: #CycloneNisarga makes landfall along the Maharashtra coast, process will be completed during next 3 hours. Visuals from Alibaug. pic.twitter.com/n5kpRtpBdS
— ANI (@ANI) June 3, 2020
निसर्ग के बारे में क्या कहा गया ?
- शुभांगी भूटे (मौसम विभाग) द्वारा कहा गया कि निसर्ग काफी ताकतवर बन गया है और हवा सौ से 120KM/घंटा की गति से चलेगी | इसके अलावा ठाणे, मुंबई, पालघर एवं रायगढ़ में काफी अधिक वर्षा भी होगी | आज ही यह तूफ़ान अलीबाग के दक्षिणी हिस्से में दस्तक देगा और यह 4 बजे तक यहाँ टकरा सकता है |
- डॉ. हर्षवर्धन (मंत्री) द्वारा बताया गया था सुबह 5:30 पर मुंबई से इसकी दूरी 215 कि.मी. थी एवं अलीबाग से यह 165 कि.मी. दूर था | उनके द्वारा मछुआरों को समुद्र की तरफ ना जाने की चेतावनी दी गयी |
- NDRF द्वारा दोनों ही प्रदेशों में बचाव दल की तैनाती करवाई गयी है एवं कुल 33 टीम्स इस कार्य में लगी हैं | नौसेना द्वारा भी अपनी टीम्स को सूचित कर दिया गया है | नरेन्द्र मोदी ने भी मदद का एलान कर दिया है |
- IMD ने बयान जारी करते हुए बताया कि अरब सागर के ऊपरी हिस्से में जो कम दवाब वाला क्षेत्र बना था वह अब गहराता जा रहा है | निसर्ग तूफ़ान बुधवार शाम तक गुजरात एवं महाराष्ट्र के तटों पर दस्तक दे सकता है | परंतु अम्फान के सामने यह तूफ़ान थोडा कमजोर है पर सावधानी ज़रूरी है |
- मृत्युंजय महापात्र (महानिदेशक, IMD) के अनुसार यह चक्रवात गुजरात के दक्षिणी हिस्से से एवं महाराष्ट्र के उत्तरी हिस्से से होता हुआ जाएगा और उस दौरान हवाओं की रफ़्तार 105-110 कि.मी./घंटे की गति प्राप्त कर सकती हैं | इतनी तेज़ हवाएं पेड़ों को एवं दूरसंचार के टावर्स के साथ साथ बिजली के खम्बों को भी गिरा सकती हैं |
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