सीकर– सुंडाराम वर्मा को कृषि क्षेत्र में किए गए नवाचारों पर भारत सरकार ने इस साल ‘पद्मश्री’ देने की घोषणा की है। सुंडाराम वर्मा अब तक राज्य और राष्ट्रीय स्तर के कुल 16 पुरस्कार हासिल कर चुके हैं। किसान सुंडाराम पिछले 10 साल से लगातार कृषि के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। वह एक लीटर पानी में पौधा उगाने की तकनीक हासिल कर चुके हैं। उन्होंने इस तकनीक से इलाके में करीब 50 हजार पौधे भी लगवाए हैं। उनकी इस तकनीक की जानकारी पूरे देश में फैली।
उन्होंने ऐसी तकनीक विकसित की जिसमें किसान कम पानी में अधिक फसलें उगा सकें। इसके साथ ही रेगिस्तानी इलाकों में पानी का संरक्षण भी कर सकें। सुंडाराम वर्मा को उनके द्वारा कृषि क्षेत्र में किए गए नवाचारों के लिए पहले भी कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। 8 साल पहले कृषि विज्ञान में स्नातक करने वाले सुंडाराम वर्मा का छोटे से गांव दांता से पद्मश्री अवार्ड तक का सफर बेहद रोचक और प्रेरणादायी है।
सुंडाराम को यूं तो अनेक पुरस्कार मिल चुके हैं, मगर कृषि विधि में सबसे पहला पुरस्कार कनाडा में वर्ष 1997 में एग्रो बायो डायवर्सिटी बायो अवार्ड मिला। दूसरी बार वर्ष 1998 में राष्ट्रीय स्तर का जगजीवन राम किसान पुरस्कार प्राप्त हुआ। तीसरा पुरस्कार राज्य सरकार द्वारा वन पंडित पुरस्कार दिया गया।
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