मध्य प्रदेश में सात एटीएम बूथ ब्लास्ट करके 46 लाख की चोरी करने वाले गिरोह के छह सदस्य गिरफ्तार- बदमाश बोला में इंजीनियर हूँ !

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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) – यह चोरी करने वाले छह सदस्य हुए गिरफ्तार। एटीएम बूथ को ब्लास्ट करके 46 लाख लूटने वाला व्यक्ति इंजीनियर है जिसने क्राइम पेट्रोल देख कर लूटने का तरीका सीखा है। इस मामले को सबके सामने सागर आईजी अनिल शर्मा ने रविवार को इस मामले को सबके सामने लाया था। 

चार जिलों के एटीएम बूथ में विस्फोट करके 46 लाख रुपए के लूट के मामला का सागर आईजी अनिल शर्मा ने रविवार को खुलासा कर दिया। मोह देहांत थाना क्षेत्र से एक सिविल इंजीनियर सहित छह आरोपी गिरफ्तार करके उनसे लूट के 25 लाख 57 हजार रुपए, दो देशी पिस्टल, 3 लाख 50 हजार रुपए के नकली नोट बरामद की।

सागर आईजी अनिल शर्मा कहते है की –

जिस भी एटीएम बूथ में वैन पैसे डालने जाया करती थी, बदमाश उसकी रैकी करते थे और वारदात को अंजाम देते। पुलिस को सुराग इसलिए नहीं मिलता था क्योंकि, वह लोग फोन का इस्तेमाल नहीं करते थे।  

आईजी के अनुसार –

इस पूरी वारदात का मास्टर माइंड ग्राम खजरी निवासी देवेंद्र पटेल है। यह गुन्हेगार यूपीएससी परीक्षा भी दे चुका है और यह एक सिविल इंजीनियर भी है। 24 साल का था तब से यह लूट और वारदातों में शामिल है। 

मामले के खुलासे के दौरान सागर डीआईजी आरएस डेहरिया, छतरपुर डीआईजी विवेक राज, पन्ना एसपी मयंक अवस्थी, दमोह एसपी हेमंत चौहान सहित अनेक अधिकारी मौजूद रहे ।

किस तरह पकडे गए यह बदमाश ?

दमोह में तीन एटीएम बूथ के लूट के कारण पुलिस सतर्क हो गई थी और इसलिए 15 एसआईटी टीमों का जाँच के लिए गठन किया गया था । दमोह देहांत थाणे में परम लोधी को बुलाया गया था लूट के अपराध के कारण किन्तु, वह नहीं गया था पुलिस थाने। इसलिए उसे उसके घर में घुस कर उसे लेके आया गया था और कड़ी पूछताछ की जिसमें उसने मास्टर माइंड देवेंद्र पटेल जो खजरी निवासी है उसका नाम लिखा था। पुलिस ने एक-एक करके गिरोह के सभी छह आरोपी को पकड़ लिया। उनके नाम है – देवेंद्र पटेल 28, परम सिंह लोधी 30, उर्फ जागेश्वर पटेल 27, छोटू उर्फ नीतेश पटेल 25, जयराम पटेल 32, राकेश पटेल 24। 

17 जुलाई को पन्ना के सिमरिया के एटीएम बूथ में हुई लूट के बाद, पुलिस भी सक्रिय हो गई थी।  जिस नंबर की बाइक से यह लूट हुई थी, उस नंबर प्लेट का टुकड़ा मिला था उस जगह से जिससे फिर उसे जोड़ कर बाइक का नंबर पता लगाया गया था।  इस मामले की जाँच के लिए 24 जुलाई को दबिश देने के लिए खजरी गई थी फिर भी पुलिस को सफलता नहीं मिली थी। क्योंकि, बाइक किसी और के नाम से थी। किन्तु, फिर भी निशानदेही के कारण पुलिस ने उन्हें पकड़ ही लिया।  

आरोपी ने क्राइम पेट्रोल देख कर लूटने के तरीके सीखे –  

आईजी ने प्रेस वार्ता के दौरान जैसे ही आरोपियों को देखा उन्होंने तुरंत पूछा इनमें सिविल इंजीनियर कौन है तो देवेंद्र पटेल ने तुरंत हाथ खड़ा करके बता दिया दरअसल यह आरोपी कई वारदातों में शामिल रहा है किसी ने क्राइम पेट्रोल और यूट्यूब पर एटीएम बूथ ब्लास्ट करने और उन में रखे रुपयों की लूट करने के तरीके सीखे थे।  उन सबसे पैसे लेकर पुलिस अब नई खोजबीन में जुट गई है।

इंजीनियर के लूट ने का तरीका –

यह सिर्फ सिविल इंजीनियर ही नहीं बल्कि, वह एक आईटी एक्सपर्ट भी है। मोबाइल को वारदात के दौरान इस्तेमाल नहीं किया जाता था। किसी भी वारदात को अंजाम देने से पहले वह CCTV कैमरा को स्प्रे करता। फिर डेटोनेटर  की मदद से एटीएम में ब्लास्ट किया करते थे जिससे एटीएम बूथ खुल जाता और वह रूपए लेकर फरार हो जाता। कहीं की यदि स्तिथि ख़राब हो तो लोगो को पिस्तौल के ज़रिए धमकाता। यह यूट्यूब की मदद से लूट ने तरीके सीखे। 

नकली पैसे भी पाएं गए –

जब पुलिस कर्मियों ने रेड मारी उनके घर में तो देवेन्द्र पटेल के घर में नकली नोट छापने का नकली प्रिंटर मिला, और तीन लाख पचास हजार के नकली नोट मिले। आईजी ने इसके लिए उस पर अलग से करवाई  करने को कहा। यह तो अय्याशी में अधिक पैसे खर्च करता और जोगेश्वर बंटाई में पैसे खर्च करता। 

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