विकास दुबे और उसके एनकाउंटर से जुड़े हुए काफी सारे सवाल लोगों के समक्ष खड़े हुए हैं जिनका उत्तर किसी भी प्रकार से मिल पाना मुश्किल है | लेकिन आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बारे में अपनी शंकाए पहले ही ट्विटर के माध्यम से जाहिर कर दी थीं | जिसमें विकास की गिरफ़्तारी के बाद किस प्रकार से उसका काम तमाम करना है, के बारे में उन्होंने बताया था |
फ़िल्मी स्टाइल से की गयी कार्यवाही-
चूँकि अमिताभ ठाकुर एक आईपीएस अधिकारी हैं इसलिए उन्हें पूर्वाभास होना कोई आश्चर्यजनक बात नहीं है | उन्होंने अपने ट्वीट में बदमाश के एनकाउंटर को लेकर बताया था कि विकास की गिरफ़्तारी के बाद पुलिस बिलकुल फ़िल्मी स्टाइल से उसे गोली मारकर उसका एनकाउंटर कर देगी | उसके बाद विकास दुबे द्वारा पुलिस पर हमला करने कि कहानी रचकर अपने बचाव में अपराधी के एनकाउंटर करने की बात कहेगी |
विकास दूबे का सरेंडर हो गया. हो सकता है कल वह UP पुलिस कस्टडी से भागने की कोशिश करे, मारा जाये. इस तरह विकास दूबे चैप्टर क्लोज हो जायेगा, किन्तु मेरी निगाह में असल जरुरत इस कांड से
सामने आई UP पुलिस के अन्दर की गंदगी को ईमानदारी से देखते हुए उसपर निष्पक्ष/कठोर कार्यवाही करना है— AmitabhThakur (@Amitabhthakur) July 9, 2020
कठघरे में यू.पी. पुलिस-
अमिताभ ठाकुर ने यूपी पुलिस को भी कठघरे में खड़ा करते हुए उसके खिलाफ जाँच और कार्यवाही किये जाने कि बात कही है | उनके अनुसार जब कोई अपराधी अपने आप को पुलिस के हवाले कर देता है या सरेंडर कर देता है तो उसकी जान की हिफाजत करना भी पुलिस का उत्तरदायित्व होता है | किसी अपराधी को सजा देने का अधिकार सिर्फ न्यायालय को है न कि पुलिस को |
पुलिस कि इस कार्यवाही से इस शंका को बल मिलता है कि यूपी पुलिस किसी राज को दफ़न करना चाहती थी | हालाँकि अब बहुत सारे सवालों के जवाब विकास दुबे की मौत के साथ ही दफ़न हो गए हैं, फिर भी यूपी पुलिस से ये सवाल तो पूछना ही पड़ेगा कि अगर विकास दुबे के खिलाफ ढेरों प्रकरण चल रहे थे तो फिर यूपी पुलिस ने आज से पहले गैंगस्टर विकास दुबे के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की |
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