Bacho ko Mobile se Nuksan aur बचाओ

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वैसे भी मोबाइल, लैपटॉप और टीवी से बच्चों का ज्यादा संपर्क नहीं होने देना चाहिए पर छुट्टियों में बच्चे ज्यादा बाहर भी नहीं खेल सकते | इसलिए इन सब डिजिटल गैजेट्स से उनका नाता काफी मज़बूत हो जाता है और हो भी क्यों ना आजकल नयी नयी चीज़ें और गेम्स इन गैजेट्स पर ही खेले और देख सकते हैं | इस वजह से उनका स्क्रीन टाइम बढ़ जाता है और चिकित्सकों की राय मानें तो स्क्रीन टाइम बढ़ने से सेहत पर बुरा प्रभाव भी पड़ने लगता है |

पर इसका उपाय क्या है ? यह सवाल हर अभिभावक में मन में रहता है तो आइये देखते हैं इस चीज़ को कैसे ठीक किया जाए |

स्क्रीन टाइमिंग- जितना समय आपका बच्चा लैपटॉप या मोबाइल या किसी भी डिजिटल गैजेट के साथ बिताता है उसे हम स्क्रीन टाइमिंग कहते हैं और आप 24 घंटे के हिसाब से इसका कैलकुलेशन भी कर सकते हैं |

बच्चों के साथ गुजारें कुछ समय– यह सबसे मुख्य बात है और हर अभिवावक को चाहिए कि वह अपने बच्चों के साथ गुजारें कुछ समय | अगर बच्चे छोटे हैं को नए नए किस्से एवं ज्ञानवर्धक कहानियाँ सुना सकते हैं | अगर वह खेलना चाहते हैं तो घर के आँगन में, छत पर या बालकनी में उनके साथ खेले कम से कम एक घंटे तक |

गैजेट्स से दूरी- अमेरिकन पीडियाट्रिक्स अकादमी ने कुछ सुझाव दिए हैं कि कैसे स्क्रीन टाइमिंग को कम रखें और कैसे बच्चों की गैजेट्स से दूरी बढ़ाई जाए | तो देखतें हैं इन सुझावों को :

  • अगर बच्चा डेढ़ साल या उससे कम उम्र का है तो गैजेट्स को पूरी तरह दूर रखने में ही समझदारी है |
  • 24 माह या उससे अधिक उम्र वाले बच्चों को सिर्फ ज्ञानवर्धक चीज़ें ही दिखाना चाहिए |
  • 2 से 5 वर्ष तक खुद उन्हें दिखाएँ और गैजेट्स का इस्तेमाल करवाएं |
  • 6 वर्ष और उससे अधिक होने पर स्क्रीन टाइमिंग को समय सीमित कर दें |

गतिविधि पर रखें निगरानी- चाइल्ड साइकोलॉजी के क्षेत्र में काम करने वाली डॉ. शैलजा ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स समय समय पर इस्तेमाल करने ज़रूर दें पर गतिविधि पर निगरानी बहुत ज़रूरी है क्योंकि आपको पता होना चाहिए आपका बच्चा क्या देख रहा है |

6 घंटे से ज्यादा इस्तेमाल खतरनाक है- कुछ रिसर्च हुए हैं जिनसे ये पता चला कि लैपटॉप,मोबाइल आदि का 6 घंटे से ज्यादा इस्तेमाल खतरनाक है | इससे बाचों में ध्यान केन्द्रित करने की क्षमता घटती है एवं आत्मसंयम में भी कमी आती है | अगर कुछ भी ऐसी समस्या आये तो अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए |

 

नीचे लिखे कुछ टिप्स कारगर साबित हो सकती हैं:

  • जब बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई का तरीका अपनाएं तो उन्हें वक़्त वक़्त पर रेस्ट करने को कहें |
  • स्क्रीन टाइम के दौरान 15 मिनट के अंतराल में आंखे बंद करने को कहें और हो सके तो आधे घंटे बाद उन्हें ठन्डे पानी से धोने को भी बोलें |
  • कोशिश करें बच्चे को बड़ी स्क्रीन वाला गैजेट यूज़ करने को कहें इससे आँखों पर जोर कम पड़ता है |

आँखों के साथ साथ पोश्चर का भी ध्यान रखें गर्दन और पीठ सीधी रहे ऐसा फर्नीचर लायें और स्क्रीन से दूरी भी बराबर रखने को कहें | कम से कम 2 फुट की दूरी तो होनी ही चाहिए |

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