कोरोना कल के बाद शुरू करूँगा काशी विश्वनाथ के पुनर्निर्माण का कार्य – डॉ सुब्रमण्यम स्वामी

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एक ट्वीट के माध्यम से डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने यह सन्देश दिया है की वो काशी विश्वनाथ के पुनर्निर्माण का कार्य में लगेंगे , डॉक्टर स्वामी कोरोना काल के ख़तम होने का इंतज़ार कर रहे है

देश में अभी काफी ऐसे मंदिर है जिसपे मजीद बानी होने का आरोप है जिसमे अयोध्या में राम जन्म भूमि मंदिर काफी प्रमुख था

अयोध्या फैसले के बाद ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर बनारस में आंदोलन की घोषणा पहले हे हो चुकी है

आंदोलन की घोषणा से पहले मंगलवार को सुधीर सिंह ने वाराणासी में सिविल जज की कोर्ट में ज्ञानवापी परिसर को हिंदुओं को सौंप देने की मांग करने को लेकर एक वाद भी दाखिल किया जिसमें कहा गया है कि, ‘ज्ञानवापी मस्जिद पहले भगवान शिव का मंदिर था जिसे मुगल आक्रमणकारियों ने ध्वस्त कर मस्जिद बना दिया था, इसलिए हम हिंदुओं को उनके धार्मिक आस्था एवं राग भोग, पूजा-पाठ, दर्शन, परिक्रमा, इतिहास, अधिकारों को संरक्षित करने हेतु अनुमति दी जाए. इस पर सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं हुई है.’

इसके अलावा काशी के अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी हैं जो काशी-विश्वनाथ कॉरिडोर के बनने से अहसज होते दिख रहे हैं.इनकी असहजता की वजह है काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी हुई ज्ञानवापी मस्जिद.

मंदिर-मस्जिद दोनों के आस-पास के क्षेत्र को लगभग ख़ाली सा कर दिया गया है.इस प्रक्रिया में क़रीब 300 घरों को ख़रीदा जाना है और अब तक 250 से ज़्यादा घर ख़रीदे जा चुके हैं.इस प्रोजेक्ट को अगस्त 2021 तक पूर्ण कर जनता को समर्पित करना है. इस वजह से काम में तेजी देखने को मिल रही है. काशी विश्वनाथ धाम प्रोजेक्ट की लागत 800 करोड़ रुपए अनुमानित की गई है. काशी विश्वनाथ धाम प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य की जिम्मेदारी पीएसपी कंपनी के पास है.

अयोध्या केस में डॉ स्वामी ने अहम् भूमिका निभाई थी, स्वामी के अनुसार अयोध्या विवाद केस में इतने सबूत नहीं थे जितने मथुरा में हिन्दू मंदिर तोड़ने के है,और काशी और मथुरा का केस अयोध्या केस से आसान होगा

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