श्रीनगर। समूचे देश में इस वक़्त कोरोना की मार है पर इस बीच J&K में हलचल देखने को मिल रही है | अभी आतंकी हमले हुए और उनमे हिजबुल के कमांडर सहित जैश का भी एक आतंकी मारा गया | पर अब खबर काफी बड़ी है क्योंकि गूगल मैप ने POK यानी पाकिस्तान अधीन कश्मीर को भारत से मिलते हुए उसे भारत का अंग दिखाया है | इसके अलावा मैप से LOC एवं LAC को भी अलग कर दिया गया है | यह मामला तब सामने आया जब दूरदर्शन ने घोषिक किया कि अब से गिलगित और बाल्टिस्तान के साथ साथ POK का भी मौसम बताया जाएगा |
इसकी पिक्स ट्विटर पर वायरल हो चुकी हैं पर गूगल ने इसपर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की है | इसके अलावा भारतीय सुरक्षा एवं विशेषज्ञों ने भी कोई बयान जारी नहीं किया है | ट्विटर पर जो इमेज शेयर हुई है उसमे हर हिस्सा भारत में जुड़ा हुआ दिख रहा है जिसपर पाकिस्तान का कब्ज़ा है | इसमें चीन की LAC भी गायब है जिसके चलते अरुणाचल एवं लद्दाख के हिस्से भी भारत के दिखाए गए हैं | हालाँकि सूत्रों से सूचना मिली है कि गूगल द्वारा बदलाव किये गए हैं परंतु ज़मीन के हालात इससे नहीं बदल जाएंगे और इसके विपरीत एक गलत सन्देश ज़रूर जाहिर हो जाएगा |
यह हलचल पिछले हफ्ते से दिख रही है क्यूंकि 4 मई को एक डेमोर्ष पारित हुआ था जिसमे पाकिस्तान स्थित SC की आलोचना हुई थी | पाक के SC ने कहा था कि गिलगित और बाल्टिस्तान में चुनाव होंगे पर भारत ने दो टूक कहा कि यह भारत का हिस्सा है और इसे तुरंत खाली कर देना चाहिए |
अंग्रेजों के पास था यह हिस्सा लीज़ पर-
1947 के बटवारे के उपरान्त उसी साल पकिस्तान द्वारा भारत पर हमला किया गया और J&K के काफी हिस्से कब्ज़े में ले लिए और इन्हें POK नाम दिया गया | परंतु गिलगित और बाल्टिस्तान वहां के राजा हरी सिंह ने लीज़ पर दिया था अंग्रेजों को वह भी सन 1935 में | उनकी मंशा सिर्फ ऊंचाई से नज़र रखने की थी पर फिर आजादी के बाद लीज़ ख़त्म हो गयी | इसके बाद राजा द्वारा घनसार सिंह को गवर्नर के तौर पर यह इलाका सौंप दिया गया |
पाक कमांडर द्वारा किया गया था कब्ज़ा-
इतिहास बताता है कि कैप्टन एएस मैथीसन एवं W Brown उस वक़्त महाराज की सेना सँभालते थे पर कबायली लोगों के पीछे जब पाक ने हमला बोला तब महाराज ने पूरे इलाके का भारत से विलय कर दिया | इसके बाद इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन पर साइन हुए जिसकी तिथि 31 अक्टूबर थी | यह होने के बाद हसन खान जो उस समय गिलगित और बाल्टिस्तान का कर्नल था उसने इसका विरोध किया और 2 नवम्बर को उसने अपने इलाकों को आज़ाद घोषित कर दिया | कुछ दिन सामान्य रहे पर फिर पाकिस्तान ने वहां आकर उसपर कब्ज़ा दर्शा दिया
Update – गूगल मैप को भारत से देखने पर एलओसी दिखाई नहीं देती, लेकिन भारत के बाहर किसी अन्य देश से देखने पर यह दिखाई देती है.हालांकि, यह सच है कि गूगल ने भारतीय नक्शे से विवादित सीमाओं को हटाया है, लेकिन यह अमेरिकी हस्तक्षेप के कारण नहीं है, बल्कि यह विवादित सीमाओं पर गूगल की संशोधित नीति के कारण है, जिसमें कहा गया है कि स्थानीय कानून के अनुसार सीमाओं को दिखाया जाएगा।
इसका मतलब यह है कि अगर आप भारत में बैठकर कश्मीर को गूगल मैप्स पर देखते हैं तो इसे भारत का हिस्सा दिखाया गया है। वहीं, बाहरी देशों से देखने पर इस क्षेत्र की आउटलाइन डॉटेड लाइन्स से बनाई गई है, जो इसे एक विवादित क्षेत्र के तौर पर दर्शाती है।
गूगल मैप्स के प्रॉडक्ट मैनेजमेंट डायरेक्टर ईथन रसेल ने इसी साल फरवरी में वॉशिंगटन पोस्ट को बताया, “विवादित क्षेत्रों और सीमाओं के मुद्दों पर हम तटस्थ रहते हैं। हम डैश्ड ग्रे बॉर्डर लाइन के माध्यम से विवाद को अपने नक्शे में प्रदर्शित करने का हर संभव प्रयास करते हैं। जिन देशों में हमारे पास गूगल मैप्स के स्थानीय संस्करण हैं, हम नाम और सीमाओं को प्रदर्शित करते समय स्थानीय कानून का पालन करते हैं।
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