बैंक ऑफ़ बड़ौदा में दो सरकारी बैंक्स विलय होने वाले हैं और यह कार्य 1 अप्रैल को हो चुका है | देना और विजया बैंक इस बैंक में विलय होंगे और इस विलय के उपरांत बैंक ऑफ़ बड़ौदा तीसरा सबसे बड़ा भारतीय बैंक कहलायेगा | इस प्रक्रिया के बाद सारी देना बैंक और विजया बैंक्स की ब्रान्चेस बैंक ऑफ़ बड़ौदा के रूप में कार्य करेंगी |
रिज़र्व बैंक ने दिया बयान-
शनिवार के दिन (RBI) रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा एक बयान जारी किया गया जिसमे जिसमे बताया गया कि एक अप्रैल के उपरांत उक्त बैंकों को बैंक ऑफ़ बड़ौदा ही माना जायेगा और इनके कस्टमर भी बैंक ऑफ़ बड़ौदा के अंतर्गत ही रहेंगे | बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने इस अतरिक्त खर्च से निपटने के लिए बैंक ऑफ़ बड़ौदा को 5042 करोड़ रुपये का भुगतान किया है |
शेयर होल्डर्स को भी नहीं होगा नुक्सान-
वह लोग जिनके पास विजया बैंक के शेयर्स हैं उनको भी 1000 शेयर्स के बदले 402 शेयर दिए जायेंगे जो बैंक ऑफ़ बड़ौदा के होंगे | इसके अलावा देना बैंक के शेयर जिन लोगों के पास हैं उन्हें प्रति एक हज़ार शेयर्स पर 110 बैंक ऑफ़ बड़ौदा के शेयर प्रदान किये जायेंगे | इससे किसी का भी नुक्सान नहीं होगा और इसके विलय उपरांत सम्पूर्ण निकाय का कारोबार लभग 14.82 लाख करोड़ का होगा जो स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया एवं ICICI बैंक के बाद तीसरा सबसे बड़ा कहलायेगा | परन्तु इसे बाद देश में सिर्फ 18 बैंक्स ऐसी बचेंगी जो सरकारी होंगी |
सम्पूर्ण देश के बैंकिंग सेक्टर में इस वर्ष काफी नए फैसले एवं विलय देखे गए हैं | परन्तु देना बैंक और विजय बैंक के विलय के उपरांत भी काफी सारी चीज़ें देखने मिली | IDBI बैंक में जो सरकार ने अपनी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी रखी थी उसे अब LIC में ट्रान्सफर कर दिया गया है |
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