असम के एक पिता ने आर्थिक तंगी की वजह से अपनी 4 महीने की बची को 45000 में बेचा!

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असम (Assam) – इस पिता का नाम है दीपक ब्रह्मा जो पेशे से प्रवासी मजदुर है।  यूँ तो दीपक गुजरात में काम करते थे  किन्तु लॉकडाउन के बाद  उन्हें असम आना पड़ा जिसमें उनके पास जो पैसे बचे थे उन्हें उस क्रम में खर्च कर दिए।  

  • खाने के लाले पड़ने पर अपनी 4 महीने की बेटी को बेचा इस शख्स ने 45 हज़ार में। 
  • कोरोना के कारण जो लॉकडाउन है, उसमें रोज़गार न होने के कारण एक परिवार में  इतनी तंगी आ गई की एक पिता ने अपनी चार माह की बेटी को बेच दिया। 

दीपक कोकराझार के रहने वाले है। जिसका पूरा परिवार कोरोना के कारण जो लॉकडाउन हो गया उसमें वह भीषण गरीबी में समा गया। इस तीन बच्चों के पिता के सामने बड़ी मुश्किल तो तब खड़ी हुई थी जब सम्पूर्ण लॉकडाउन हो गया चारो ओर, और कमाई का कोई साधन भी नहीं था । साथ ही जो कुछ पैसे बचे थे वह उसने लॉकडाउन के बाद खर्च कर दिए सफर में जब उसे गुजरत से असम भाग कर आना पड़ा था। ऐसे में कोरोना के कारण जो लॉकडाउन है उन्हें उस मजदुर को मजबूर कर दिया अपनी चार माह की बच्ची को बेचने को।  

बेटी को बेचना !

असम पहुँचने के बाद कोई रोज़गार भी नहीं था और न तो पैसे।  कुछ खाने का न होने के कारण अंत में उन्हें अपनी बेटी को बेचा क्योंकि, उन्हें उसके अलावा और कोई विकल्प नज़र नहीं आया।  

पुलिस ने बच्ची को किया रेस्क्यू!

किन्तु, इस सनसनीखेज मामला के बारे में वहाँ के एक स्थानीय एनजीओ को पता चल गया था जिसने पुलिस को खबर की और उस चार माह की बच्ची को रेस्क्यू करवाया। दीपक की बच्ची को बेचने में उनके  गाँव वालो ने भी उसका साथ दिया था।  पुलिस ने फॉरेन उन सभी को किया गिरफ्तार जिन्होंने बच्ची को लिया था और उसे बेचने में मदद की थी कुल मिलकर 3 लोगों पर हुआ केस IPC की धारा 370 के तहत मामला दर्ज किया गया जिसमें बच्ची का पिता भी शामिल है और उसके अलावा एक व्यक्ति और ब्रोकर जिसने बच्ची को बेचने में मदद की थी।  

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