बाड़मेर, राजस्थान (Barmer, Rajasthan) – 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन का सफल आयोजन पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था उस दिन राजस्थान में बाड़मेर शहर की पायला कल्ला पंचायत समिति के मोतीसारा गाँव में रहने वाले 50 परिवारों के 250 मुसलमानों ने फिर से हिंदू धर्म में परिवर्तित होने का फैसला किया।
खबरों के मुताबिक – गांव में वैदिक अनुष्ठान किए गए और पवित्र धागा पहनकर 50 परिवारों के सभी 250 सदस्य हिंदू धर्म में परिवर्तित हो गए।
मुस्लिम परिवारों ने दावा किया कि उन्होंने अपनी इच्छा से हिंदू धर्म अपनाया है।
परिवार के सदस्यों ने जोर देकर कहा कि उन्हें मजबूर नहीं किया गया है और उन्होंने खुद की इच्छा से धर्मांतरण किया है। इन मुस्लिम परिवारों के बुजुर्गो ने कहा था कि वे मूल रूप से कंचन ढाढ़ी जाति के थे। वे पिछले कई वर्षों से हिंदू रीति-रिवाज़ों का पालन कर रहे थे। वे हर साल अपने घरो में हिन्दू के त्यौहार मानते थे।
Gharwapsi on the day of Ram Lalla’s homecoming: 50 Muslim families embrace Hinduism in Rajasthan, say ancestors were Hindushttps://t.co/78YZtt5o9c
— OpIndia.com (@OpIndia_com) August 7, 2020
About 250 members of 50 Muslim families from Badmer (Rajasthan ) have converted to Hinduism after the Ram Mandir Bhoomi Poojan.
— Farah khan (@farah17khan) August 6, 2020
मुसलमान फिर से हिंदू धर्म में परिवर्तित हो गए और कहते हैं कि पूर्वजों को ज़बरदस्ती इस्लामिक आक्रमणकारियों द्वारा परिवर्तित किया गया था।
परिवारजनों का कहना है की –
उनके पूर्वज हिंदू थे और मुगल आक्रमणकारियों द्वारा ज़बरदस्ती धर्मांतरित किए गए थे। “मुसलमानों ने उनके पूर्वजों को भयभीत कर दिया था और उन्हें ज़बरदस्ती इस्लाम में परिवर्तित कर दिया था”।
परिवार के सदस्यों में से एक को यह कहते हुए उद्धृत किया गया था, उन्होंने अपने पूर्वजों के बारे में ऐतिहासिक ज्ञान प्राप्त करने के बाद ही हिंदू धर्म अपनाने का फैसला किया था।
“लेकिन हम हिंदू धर्म के है। इसलिए मुसलमान हमसे दूरी बनाए रखते है। इतिहास की जानकारी मिलने के बाद हमने जाना कि हम हिंदू है और हमें हिंदू धर्म में वापस जाना चाहिए। हमारे रीति-रिवाज पूरे हिंदू धर्म से संबंधित है। इसके बाद पूरे परिवार ने हिंदू धर्म को पुनर्जीवित करने की इच्छा व्यक्त की।
5 अगस्त को, जब पीएम मोदी ने अयोध्या के राम मंदिर की आधारशिला रखी, तो इन परिवारों ने हवन पूजा का आयोजन किया, जिसके बाद उन्होंने सभी को हिंदू धर्म अपनाने के लिए मौली (पवित्र धागा) बांधा।
अब सवाल यह उठता है की क्या मुस्लिम ज़बरदस्ती हिन्दुओ को अपने धर्म में लाएंगे ? क्या इस्लाम धर्म में लोग कम है या उन्हें हिन्दुओ से कुछ ज़्यादा ही लगाओ है ? क्या किसी व्यक्ति को खुद का धर्म चुनने का तक अधिकार नहीं है ?
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