उत्तर प्रदेश, यहाँ पर गोकशी से जुड़े हुए कानून को और भी कड़क बना दिया गया है | इसमें सजा की अवधि को बढ़ाते हुए गाय को शारीरिक तौर पर आहत करने पर भी सजा के प्रावधान बनाये गए हैं | एक वर्ष से लेकर दस वर्ष तक की सजा होगी और आरोपियों को |
गौ वध निवारण संशोधन अध्यादेश को कांफ्रेंसिंग करते हुए पारित किया गया | सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि इस बार राज्य के विधान मंडल सत्र के ना हो सकने के कारण एवं इस मामले पर जल्द कार्यवाही हो सके इसलिए इसे विडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिये घोषित किया गया |
गौ वध का अधिनियम 1995 को ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए एवं गौ वंश के रक्षण हेतु इसका होना आवश्यक था | इसका उद्देश्य गाय की हत्या को पूर्णतः रोकना है एवं आरोपियों को सात साल तक की कैद इस प्रावधान के ज़रिये होगी |
उन्होंने बताया कि कुछ समय से देखा जा रहा है कि जो लोग इस घटना को अंजाम देते हैं वह कुछ दिनों के अन्दर ही ज़मानत प्राप्त कर लेते हैं और फिर ऐसे मामलों में संलिप्त हो जाते हैं | इसलिए जुर्माने की राशि भी 3 से 5 लाख तक कर दी गयी है और दोबारा यह अपराध होता है तो दोहरी सजा का भी प्रावधान तैयार है |
परिवहन करने वालों पर भी होगी कार्यवाही-
नवीन अध्यादेश के अनुसार जो व्यक्ति गाय के मांस का परिवहन करेंगे उनके ऊपर भी कार्यवाही की जाएगी | पहले मांस का परीक्षण करवाया जायेगा और अगर रिपोर्ट पॉजिटिव निकली तो गाडी चालक, उसका स्वामी एवं ऑपरेटर पर कानूनी कार्यवाही होगी | अगार यह साबित हो जाता है कि स्वामी या ऑपरेटर की जानकारी के बगैर चालक ऐसा कर रहा है तो फिर सिर्फ चालक पर यह नियम लागू होगा |
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