Nurses के साथ अभद्रता एवं नंगा नाच करने वाले Jamati गिरफ्तार

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उत्तर प्रदेश- यहाँ गाजियाबाद में स्थित एक सरकारी हॉस्पिटल में कुछ तब्लीगी जमात के लोगों ने नर्स के साथ बदतमीज़ी की थी जिसके परिणामस्वरूप उन्हें पुलिस द्वारा 6 मई को गिरफ्त में ले लिया गया, इन्हें गिरफ्तार करने में देरी इसलिए हुई क्योंकि यह क्वारंटाइन में थे और 6 मई को इनका क्वारंटाइन ख़त्म हुआ और उसके तत्काल बाद इन्हें गिरफ्त में ले लिया गया सारे आरोपी अब कोरोना नेगेटिव हैं

SHO (विष्णु कौशिक) के द्वारा बताया गया है कि MMG हॉस्पिटल में 2 मार्च को 10 जमातियों को भर्ती करवाया गया था, हॉस्पिटल की ही नर्सों ने 5 जमातियों के ऊपर इलज़ाम लगाया है कि वह लोग वार्ड में पयजामा उतारकर घूमते थे और उनके साथ बदतमीज़ी करते थे, उनसे तम्बाकू युक्त पदार्थों की मांग भी करते थे , नर्सों द्वारा ऊपर शिकायत करने के बाद CMS ने इसके खिलाफ कार्यवाही करने के लिए कहा और फिर उन 5 जमातियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया

मामला दर्ज कर लेने के बाद इनको दूसरी जगह पर भेज दिया गया था और बुधवार को जैसे ही इनका क्वारंटाइन समाप्त हुआ वैसे ही इनके ऊपर कार्यवाही की प्रक्रिया भी चालु हो गयी, परंतु इन्हें जेल में दूसरे कैदियों से अलग रखा जाएगा, पुलिस ने कहा है भले ही यह सब स्वस्थ हैं और सारी जांच हो चुकी है फिर भी कोई रिस्क नहीं लिया जा सकता

वहीँ दूसरी तरफ दिल्ली सरकार ने निर्देश दिए हैं कि 4000 जमातियों का इलाज पूर्ण हो चुका है उन्हें अब छोड़ दिया जाए, सभी मरकज से जुड़े हुए लोग जिन्हें क्वारंटाइन में रखा गया था उन्हें अब वापस अपने घर भेजने की प्रक्रिया चालू की जानी चाहिए, सत्येन्द्र जैन (गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री दिल्ली) ने भी बयान देते हुए साफ़ किया है कि आरोपियों को जेल एवं बाकियों को घर रवाना करवाना होगा

बता दें कि जब जमातियों द्वारा ऐसे बर्ताव की घटनाएँ सामने आने लगी तब मुस्लिम कट्टरपंथी उनके बचाव के लिए खड़े हो गए इन लोगों को बचाने द वायर के स्तम्भ माने जाने वाले सदानंद धूमे भी इस मामले में शामिल थे हर जगह इन्हें निर्दोष साबित करने की प्लानिंग हो रही थी

आरफा खानम (पत्रकार, द वायर) ने भी कहा था अस्पताल की नर्सों द्वारा सब झूट बताया गया है और इसपर सदानंद धूमे ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी, उन्होंने कहा था कि मैं जमातियों के विचारों से वास्ता नहीं रखता पर जिन्होंने भी उसनके साथ वक़्त गुज़ारा है उन्हें ज्ञात होना चाहिए कि इस रूढ़ीवाद के मायने कितने पवित्र और महिलायों के लिए हितकारी हैं

इसके द्वारा सदानंद कहना चाह रहे थे कि सच्चा मुस्लमान छेडछाड जैसी ओछी हरकत नहीं कर सकता और बलात्कारी होना तो बहुत दूर की बात है , इसके अलावा जिसने भी तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों की शिकायत की है वह लोग झूठे हैं और शिकायत निराधार है, यह सब एक साजिश है जिसके पीछे मुसलमान की छवि को बिगाड़ने का उद्देश्य है , उन्होंने शिकायत और नर्सों के बयान को सिरे से नामंज़ूर कर दिया ,

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