जमीन विवाद में बर्खास्त पुलिसकर्मी का कोर्ट परिसर से अपहरण कर हत्या – सीएम की वीआईपी ड्यूटी में व्यस्त थी पुलिस – 4 घंटे बाद मिला शव !

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रोहतक, मध्य प्रदेश (Rohtak, Haryana) – इस हादसे के समय व्यस्त थी पुलिस सीएम मनोहर लाल की वीआईपी ड्यूटी में। वारदात अग्रिम जमानत के लिए आया था वीरेंद्र, दिनदहाड़े अपहरण कर हत्या हुई, कोर्ट परिसर से 100 मीटर दूर । गाडी में छह से सात युवक मारते हुए कोर्ट परिसर से लेगए, इस हादसे को किसी ने नहीं देखा था पुलिस ने भी नहीं।   

खेड़ी महम निवासी पुलिसकर्मी वीरेंद्र जमीन विवाद में 11 दिन पहले हुए हमले के मामले में अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट पहुँचे थे। सुबह लगभग ग्यहराह बजे थे शुक्रवार के दिन जब  6-7 बदमाशों ने अपहरण कर हत्या कर दी थी। समरगाेपालपुर के पास 4 घंटे बाद शव मिला था। जब सीएम मनोहर लाल के शहर में होने से पुलिस वीआईपी ड्यूटी में तैनात थी। तब काेर्ट परिसर से मात्र 100 मीटर की दूरी पर जिला विकास भवन में पत्रकार वार्ता कर रहे थे और तब ही इस वारदात को अंजाम दिया गया था। 

शहर में नाकाबंदी थी वीआईपी ड्यूटी के कारण किन्तु, फिर भी अपहरणकर्ताओं का तत्काल पता नहीं लगाया जा सका था। 

सुचना के अनुसार –

जींद रोड आउटर बाइपास हिसार की तरफ जाने वाले रास्ते पर बने रेलवे पुल के नीचे गड्ढे में एक आदमी का शव मिला है – ऐसी खबर मिली थी पुलिस को दो बजे। इसके बाद पुलिस ने जा कर जांच पड़ताल की तब पता चला था की लाश वीरेंद्र की है जिसे गला दबा कर मार दिया गया है। प्रधान ने कोर्ट परिसर में CCTV लगवाने और सुरक्षा की मांग की – वकीलों की ओर से। साथ ही पुलिस की ओर से यह भी सुचना दी गई है की – 7 लोग थे इस मामले में जुड़ हुए।  

नरेंद्र मृतक के भाई ने पुलिस को की गई शिकायत में बताया कि –

शुक्रवार के दिन अपनी जमानत के लिए रोहतक कोर्ट आया था। भाई को अगवा सुबह क़रीब दस बजे किया गया था 6-7 लोगो द्वारा। जिस कार में अगवा किया उसका नंबर HR 58 बताया जा रहा है।

मामले के बारे में सूचना मिलने पर पुलिस जब कोर्ट परिसर में पहुंची तो उन्हें पता चला कि – 

राजकुमार उर्फ बग्गी, धर्मबीर, विजय व प्रवीन, सुनील, नन्हा कोर्ट परिसर से उठा ले गए थे। 

नरेंद्र ने यह भी बताया कि –

कार चला रहे व्यक्ति का नाम अजय है और यह व्यक्ति वह ही है जिसने अपरहण करने के बाद उसकी लाश को खुर्द-बुर्द करने की नीयत से समरगोपालपुर के खेतों के साथ रास्ते में फेंक दिया।

मृतक वीरेंद्र भी था दो हमलों में आरोपी –

यदि, 6 और 13 जुलाई को किए गए हमले में पकड़ा जाता तो बच जाती जान। इसकी हत्या को जमीन विवाद में जोड़ा जा रहा है। दरअसल इनका जमीनी विवाद काफी साल पहले से चल रहा था। विजय और वीरेंद्र ने मिलकर हो प्लॉट खरीदा था जिसका एग्रीमेंट तो हो चुका था। किन्तु, रजिस्ट्री नहीं थी और 2015 तक तो यूं दोनों का ही कब्जा था। परन्तु, फिर सत्यवान कर के एक व्यक्ति है जिसने इसकी चार दिवाले गिरा दी थी।

  • 6 जुलाई को कबाड़ी का काम करने वाले दूसरे पक्ष के वीरेन्द्र पर हुए हमले में ।
  • साथ ही 13 जुलाई को सत्यवान के घर गोली चलाने में भी मृतक वीरेंद्र का ही हाथ था।
  • इसके अलावा उस पर अवैध हथियार रखने सहित 7 आपराधिक मामले दर्ज थे।

महम सदर थाना एसएचओ नवीन जाखड़ दावा करते है कि –

वीरेंद्र फरार था क्योंकि, उस पर जुलाई में हुए गए दो मामलों पर पहले से केस था और पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। 

किन्तु, सवाल है कि जिस वीरेंद्र को पुलिस तलाश कर रहा था वह रोहतक कोर्ट परिसर में बैठा अग्रिम जमानत के लिए पहुंच गया?

प्रत्यक्षदर्शी बोले थे कि – वीरेंद्र ने कहा था – मुजरिम हूं, बचा लो, मुझे मार देंगे –

कोर्ट परिसर में वारदात के दौरान काफी भीड़ हो गई थी। कैंटीन के बहार वीरेंद्र चाय पी रहा था तब करीब 10 बजे थे और अचानक छह – सात बदमाशों ने उन्हें लपके और पकड़ते ही साथ चलने की बात की थी। मौके को भांपते हुए यूं तो वीरेंद्र ने भागने कि कोशिश की थी किन्तु वह गिर गए थे इसलिए चिकना शुरू किया था – मुजरिम हूं, बचा लो, मुझे मार देंगे। परन्तु, कोई उसे बचाने के लिए आगे नहीं आया।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि –

एक वकील भी छुड़ाने की ओर बढ़ा था, लेकिन उसे भी बदमाशों ने पीछे हटा दिया। इस हादसे के बाद सब जगह वहां सनाता छा गया था और सब खामोश थे। वारदात के बाद पुलिस ने पार्किंग वालों से आकर पूछताछ की।

पुलिस विभाग में हुई थी भर्ती –

1989 में वह पुलिस अफसर बने थे। किन्तु, गैर हाजिर के कारण नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। नौकरी से निकालने के बाद वह प्रॉपर्टी डीलिंग के काम में लग गए थे। 4700 गज के प्लाॅट के अलावा और भी कई प्लॉट के विषय में सत्यवान से विवाद चल रहा था।

सूचना के अनुसार टीमें कर रही है जांच –

HR-58 नंबर की कार में कुछ लोग भागे है, ऐसा शुक्रवार को सुबह वीआईपी ड्यूटी के दौरान इस बात की सूचना मिली थी। नाकाबंदी भी की गई थी, किन्तु फिर भी गाड़ी पकड़ में नहीं आई थी और पश्चात प्ता चला कि वीरेंद्र नाम के युवक की हत्या कर दी गई है। वीरेंद्र का विवाद सुनील के साथ भी था। इसमें दो सीआईए व थाना की टीम भी अलग से जांच कर रही है।  

लोकेंद्र फौगाट, प्रधान, जिला बार एसोसिएशन –

जिला कोर्ट परिसर में इस तरह की वारदात होना काफी चिंतनीय है। ऐसी वारदात पहले भी सामने आई है। इसलिए ऐसे में वकीलों की सुरक्षा को लेकर भी जल्दी ही कदम उठाए जाएंगे और सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए जाएंगे।

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