कैसे एक महिला ने अकेले मार डाला खूंखार नक्सली को..

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PLFI का बसंत गोप जो सबज़ोनल कमांडर भी था उसे एक निडर आदिवासी महिला ने मार दिया | वह एक हार्डकोर नक्सली था एवं उसके ऊपर दो लाख रुपये का इनाम भी था | यह घटना 5 मई को घटित हुई जिसमे सिर्फ एक टांगी की मदद से इस महिला ने बसंत गोप को मार दिया | इस बहादुर महिला का नाम विनीता उरांव है और यह वृंदानायक टोली में निवासरत है |

गुमला (झारखण्ड) एवं आस पास के कई इलाकों एवं जिलों में बसंत गोप ने आतंक मचा रखा था | उसके ऊपर कई थानों में अपहरण, हत्या एवं लूट जैसे बहुत सारे केस दर्ज थे | यह घटना मंगलवार की रात को घटित हुई जहाँ टांगी से विनीता से बसंत को काट दिया | उसकी मृत्यु के उपरांत पुलिस एवं सारे निवासियों ने ख़ुशी व्यक्त की है | पुलिस ने भी लाश का मर्ग कायम करते हुए बसंत के मरने की पुष्टि की है |

नरसंहार करने आया था विनीता के घर-

वृंदानायक टोली में निवासरत भीम उरांव के घर पर करीब रात 8:30 के आस पास बसंत ने अपने साथियों के साथ मिलकर हमला कर दिया | वह दरवाज़े को तोड़कर अन्दर घुसने का प्रयास करने लगा | वह अपने साथियों के साथ नरसंहार करने विनीता के घर पर आया था | उसके साथी कह रहे थे आज भीम (विनीता का पति) के घर के सारे लोग पूजे जायेंगे |

प्रथम चरण में नक्सलियों ने भीम उरांव और उसके परिवार वालों को बाहर आने की धमकी दी और जब वह लोग नहीं आये तो गोलियां चलायी गयी | इसके बाद भी कोई जवाब ना मिलता देख बसंत दरवाज़ा तोड़ने लग गया | तभी विनीता ने अपने घरवालों को छुपाते हुए दरवाज़े पर जा कर टांगी से उसपर दनादन वार कर दिए जिससे बसंत काफी बुरी तरह घायल होकर वहीँ गिर गया |

ऐसा होता देख नक्सली भी भयभीत हो गए और बसंत को उठाकर वापस जंगल की तरफ भागने लगे | परंतु वह बहुत बुरी तरह घायल था और बीच रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी | इसके उपरांत उसके साथियों ने उसकी लाश को पूजार बगीचे में छोड़ दिया और आगे निकल गए | बुधवार की सुबह उसकी लाश को लोगों ने देखा |

घटना समाप्त होने के बाद पुलिस को सूचित किया गया था जिसके उपरान्त पुलिस भीम उरांव के घर पहुंची थी | शंकर ठाकुर (थाना प्रभारी) ने कहा कि बसंत गोप एक खतरनाक नक्सली था और उसके खिलाफ कई संगीन मामले दर्ज थे |

सूत्र यह भी बताते हैं कि वर्ष 2018 भीम उरांव पूरे परिवार सहित गाँव को छोड़कर चले गए थे और इसकी वजह बसंत गोप ही था | वह लेवी के पीछे हर समय इस परिवार को परेशान करता आया है जिसकी वजह से सब रांची चले गए थे | परंतु कोरोना के चलते परिवार वापस गाँव आ गया था और बसंत को इसकी खबर लग गयी | इसलिए वह पूरे परिवार का खत्म करने अपने साथियों के साथ आया था पर खुद निपट गया |

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