जोधपुर, राजस्थान (Jodhpur, Rajasthan) – कोरोना महामारी में पुरे देश में स्कूल-कॉलेज पर प्रतिबंद है। किन्तु, फिर जोधपुर के मरुधर केसरी नगर स्थित अपेक्स सीनियर सैकंडरी स्कूल चालू थी जिस पर हुआ मामला दर्ज।
ऐसी महामारी की परिस्थिति में भी स्कूल चालू रखने के लिए उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ। जब पुलिस ने वहाँ छापा मारा था तब करीब चालीस बच्चे एक कक्षा में बैठे पढ़ते पाए गए थे। दरअसल चौपासनी हाउसिंग बोर्ड पुलिस को यह सुचना आज मिली की अपेक्स सीनियर सैकंडरी स्कूल कई दिनों से बच्चो को बुला कर उनकी जान जोखम में दाल रही है।
मौत के मुख में क्यों ढकेले गए बच्चे ?
जब पुलिसकर्मियों ने उधर छापा मारा तब वहाँ 12वीं कक्षा के बच्चे पढ़ रहे थे। वहाँ एक क्लास में 41 लोग थे उसमें से 40 बच्चे थे और एक शिक्षक मौजूद थे। उन्होंने बच्चों को स्कूल में बुला कर गलत तो किया ही किन्तु, वहाँ सोशल डिस्टन्सिंग का पालन भी नहीं किया जा रहा था।
इसलिए उनके खिलाफ महामारी अधिनियम 2020 और आईपीसी की धारा 188 के तहत केस दर्ज किया गया है। जब तक सरकार की ओर से स्कूल संचालित करने की अनुमति नहीं दी जाती तब तक वह बच्चों को नहीं बुला सकते है।
अब सवाल यह उठता है की इस महामारी के समय स्कूल संचालक चोरी छिपे अपने यहां कक्षाएं संचालित कर बच्चों के संक्रमित होने का जोखिम क्यों उठा रही है? आखिर क्यों माता-पिता और स्कूल कर्मी बच्चों को मौत के मुख में ढकेल रहे है? क्या माता-पिता का पुलिस को खबर करने का फ़र्ज़ नहीं था, अब बच्चों की पढाई उनकी जान से प्रिय होने लगी ?
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