Trains में सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के असार हैं- Indian Railways

129

दूसरे राज्य के श्रमिकों को उनके राज्य तक भेजने के लिए जो स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है इनमे उपद्रव की स्थिति उत्पन हो सकती हैं | यह जानकारी रेलवे ने अपने सभी जोंस को बताते हुए सतर्कता बरतने को कहा हैं | सम्पूर्ण जोंस में दिशानिर्देश देते हुए रेलवे ने सभी यात्रियों की सफ़र के दोरान भी देखरेख करने का आदेश दिया हैं |

शुक्रवार से लेकर सोमवार तक साठ स्पेशल ट्रेनों का संचालन रेलवे द्वारा करवाया जा चुका हैं और इसके आलावा सेनिटाइजेशन एवं सिक्यूरिटी के भी पूरे दिशानिर्देश दिए जा चुके हैं | गाइडलाइंस और रूल्स के अनुसार सोर्स, डेस्टिनेशन और यात्रा को तीन चरणों में बांटा गया है |

रेलवे ने आदेश दिया है कि ट्रेनों के अलावा स्टेशन के एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स पर पुख्ता सुरक्षा के इंतजाम किये जाने चाहिए | आदेश में दिया गया है की सैन्य बल, होम गार्ड एवं निजी सुरक्षा एजेंसी का सहारा लेते हुए और इनकी संख्या बढ़ाते हुए सुरक्षा को बढ़ाना अनिवार्य है | इसके अलावा रेलवे ने सांप्रदायिक उपद्रवों की स्थिति उत्पन्न ना हो एवं यात्रियों के बीच में भी सामूहिक हिंसा को रोकने के लिए गुप्त एजेंसीज से संपर्क साधा है |

अगर ऐसी स्थिति आती भी है तो उस दौरान बलों का प्रयोग करके इसे रोका जाए ऐसा रेलवे ने आदेश में जारी करते हुए कहा है | पहले से इसकी तैयारी कर ली जाए एवं राज्य पुलिस को भी सूचित किया जाए ताकि समय आने पर किसी भी समस्या के लिए तैयारी न करनी पड़े | इसके अलावा सफाई पर भी रेलवे ने निर्देश जारी किये हैं कि सोर्स और डेस्टिनेशन दोनों जगहों पर ट्रेन की अच्छे से सेनिटाइजेशन और सफाई होगी जिससे उसे संक्रमण मुक्त रखने में आसानी होगी | यात्रा के दौरान भी सफाई कर्मचारियों की संख्या को कम रखा जाए पर इन कर्मियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि साबुन, तरल पर्याप्त हैं एवं टॉयलेट एक दम साफ़ हैं |

अस्सी लाख हर ट्रिप पर होते हैं खर्च-

रेलवे से जुड़े सूत्रों ने जानकारी दी है कि एक ट्रिप का संचालन करने में करीब अस्सी लाख रुपये का खर्च रेलवे पर आता है | ट्रेन्स में स्लीपर श्रेणी टिकेट का किराया एवं तीस रुपये का चार्ज सुपरफास्ट का है इसके अलावा स्पेशल ट्रेन का 20 रुपये भी जोड़ा जा रहा है | परंतु केंद्र सरकार ने एलान किया है कि पूर्ण किराया यात्रियों से नहीं वसूल होगा क्योंकि 85 प्रतिशत किराया स्वयं रेलवे वहन करेगा | शेष 15 प्रतिशत किराया राज्य की सरकारों द्वारा अदा किया जाएगा | सूत्रों ने यह भी बताया है कि जो 34 ट्रेन्स शुरुआत में संचालित हुई थीं उनका 24 करोड़ का खर्च रेलवे द्वारा किया गया है और राज्यों से केवल 3.5 करोड़ की राशि प्राप्त की गयी है |

70,000 से अधिक यात्री लौटे अपने घर-

श्रमिकों के लिए चलायी गयी स्पेशल ट्रेन जो 1 मई से संचालित होना शुरू हुई हैं उनमे अब तक 70,000 से अधिक यात्रियों को अपने घर पहुंचा दिया गया है | रेलवे ने यह भी कहा कि करीब 50 करोड़ का व्यय इस पूरी प्रक्रिया में आया है | सोमवार की शाम होने तक 67 ट्रेन्स चल चुकी थीं एवं मंगलवार को 21 और ट्रेन्स का संचालन हुआ | हर ट्रेन में करीब 1000 यात्री थे क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से 72 सीट्स पर केवल 54 लोग ही थे |

हमरा सहयोग करे, कुछ दान करे , ताकी हम सचाई आपके सामने लाते रहे , आप हमरी न्यूज़ शेयर करके भी हमरा सहयोग कर सकते