माँ-बाप के घर पर बेटे का कोई हक नहीं है – हाई कोर्ट ने दिया आदेश!

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नई दिल्ली (New Delhi) – मंगलवार को हाई कोर्ट ने एक बहुत महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया। जिसमें विशेष टिपणी देते हुए कहा की माँ-बाप की महनत से बनाए गए घर पर बेटे का क़ानूनी तौर पर कोई हक़ नहीं है। बेटा चाहे विवाहित हो या अविवाहित अभिभावक की दया एवं मंजूरी पर ही वह रह सकता है।  

जस्टिस प्रतिभा रानी का फैसला –

इस संबंध में दायर एक याचिका को खारिज करते हुए माता-पिता के हक में फैसला दिया। अदालत का यह भी कहना था की चूँकि माँ-बाप के बेटे के साथ संबंध अच्छे होने पर बेटे को रखा इसका यह मतलब तो नहीं की वह पूरी ज़िन्दगी उन पर बोझ बन कर रहे।  

जब तक बेटे को अभिभावक अनुमति दें तब तक ही वह घर में रह सकते है उसके बाद उन्हें घर से चले जाना होगा। अंत में बुजुर्ग माँ-बाप के पक्ष में निर्णय हुआ और हाई कोर्ट ने बेटे और वहु को उनके माँ-बाप से घर से निकल ने का निर्णय सुनाया। 

दंपति के बेटे-वहु की अपील को अदालत ने किया ख़ारिज। बेटे-वहु ने निचली अदालत को दी थी चुनौती जिसमें निर्णय माता-पिता के पक्ष में लिया गया था। 

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