India के साथ खड़े हुए विश्व के शक्तिशाली देश, China को अब संभालना ही होगा

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LAC यानि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के मध्य एक लम्बे अरसे से तनातनी का माहौल बना हुआ है और इस पर भारत को विश्व के शक्तिशाली देशों का समर्थन प्राप्त हो रहा है | अमेरिका और ब्रिटेन ने पहले ही भारत को समर्थन दे दिया और अब जापान का नाम भी इस सूची में जुड़ गया है |

जापान द्वारा भारत को आश्वस्त किया गया है कि वह LAC पर वर्तमान स्थिति एवं एकपक्षीय कोशिशों पर विरोध प्रकट करेगा | सतोषी सुजुकी (जापानी राजदूत, भारत) एवं हर्ष वी श्रंगला (विदेश सचिव) के बीच फ़ोन पर बातचीत हुई और यह शुक्रवार की सुबह को हुई थी | भारत द्वारा जापान के अलावा अमेरिका, फ्रांस, रूस एवं जर्मनी को भी LAC के सन्दर्भ में सूचना प्रदान की गयी है |

भारत द्वारा लगातार अपने मित्र देशों को सूचना दी जा रही है और हर जगह से उसे समर्थन मिला है | जापान ने भी कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से मामले को सुलझाने के लिए वह हमेशा भारत के साथ है और अगर कुछ भी एकतरफा होता है तो जापान भी उसके लिए तैयार है और भारत के साथ है |

जानिये किस देश द्वारा कैसा समर्थन हुआ है प्राप्त ?

फ्रांस-

फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली द्वारा 29 जून को भारतीय रक्षा मंत्री को पत्र के माध्यम से सूचित किया गया था कि वह भारत के साथ हैं और उन्होंने शहीद जवानों के लिए दुःख व्यक्त किया था |

ऑस्ट्रेलिया-

स्कॉट मॉरिसन (प्रधानमंत्री, ऑस्ट्रेलिया) द्वारा एक जुलाई को बयान दिया गया था कि देश की रक्षा प्रणाली को और भी सशक्त बनाने के लिए करीब 270 अरब डॉलर का इन्वेस्टमेंट होगा | उन्होंने बताया कि प्रशांत और हिन्द क्षेत्र में चीन ने आक्रामक रुख अपनाया है और इसके चलते ही ऑस्ट्रेलिया ऐसा करेगा जिससे जवाब देना आसान हो जाये | प्रधानमंत्री द्वारा यह भी कहा गया कि हिन्द और प्रशांत में रणनीतिक प्रतिस्पर्धा, नयी चुनौतियाँ और तनाव बढ़ने लगा है और यहाँ चीन का दखल बढ़ता जा रहा है जो दूसरे देशों के लिए सही नहीं है |

ब्रिटेन-

हांगकांग में हंगामा मचा हुआ है सुरक्षा कानून को लेकर और काफी प्रदर्शन किये जा रहे हैं | अन्य देशों द्वारा चीन को इस कृत्या के लिए सिर्फ आलोचना ही मिल रही है | बोरिस जॉनसन (प्रधानमंत्री, ब्रिटेन) ने हांगकांग के लोगों ब्रिटिश नागरिक बनाने का प्रयास किया जिसका विरोध चीन द्वारा किया गया | चीन ने कहा UK को कोई हक नहीं है हांगकांग के नागरिकों को ब्रिटिश नागरिकता देने का और अगर ऐसा हुआ तो कड़क कार्यवाही की जाएगी |

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