तकनीकी रूप से दक्ष शनमुगा सुब्रमण्यम नामक इस युवक का कहना है कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) की ओर से जारी की गई तस्वीरों के विश्लेषण से वह इस नतीजे पर पहुंचे है।
जगी लोगो के मन की उम्मीद! चेन्नई के युवक के दावे से। ISRO की ओर से 22 जुलाई 2019 में चंद्रयान 2 को लेकर चेन्नई के युवक ने किया एक दावा। वह युवक का कहना है की चंद्रमा पर भेजा प्रज्ञान रोवर ठीक है। इतना ही नहीं, किन्तु उस युवक का यह भी कहना है की – प्रज्ञान रोवर की चन्द्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग हुई है और वह कुछ मीटर तक चला भी था।
चेन्नई के युवक शनमुगा सुब्रमण्यम का कहना है की –
NASA की ओर से जो तस्वीरें जारी की गई थी उसके विश्लेषण से वह इस नतीजे पर पहुंचा है। वह तकनिकी रूप से दक्ष है।
ISRO के चेयरमैन के सीवन कहते है की –
हमें सुब्रमण्यम से जानकारी मिली है इस बारे में और हमारे वैज्ञानिक इस पर शोध कर रहें है।
इसरो से भेजा हुआ प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर को 22 जुलाई 2019 को भेजा था। किन्तु, 6 सितंबर को लैंडिंग के समय इससे संपर्क छूट गया था। नासा की तस्वीरों को देखने के बाद, सुब्रमण्यम पहले भी विक्रम लैंडर के मामले पर दावा कर चूका था।
सुब्रमण्यम के ट्वीट्स – उसमें लिखा था की –
मेने एक मलबा खोजा है जो विक्रम लैंडर का था।
नासा ने जो मलबा खोजा था वह शायद दूसरे अंटीना, पेलोड, सोलर पैनल या फिर कुछ अन्य चीज़ थी।
इतना ही नहीं बल्कि, प्रज्ञान रोवर विक्रम लैंडर से बहार भी निकला था और कुछ मीटर तक चला भी था।
Chandrayaan2’s Pragyan “ROVER” intact on Moon’s surface & has rolled out few metres from the skeleton Vikram lander whose payloads got disintegrated due to rough landing | More details in below tweets @isro #Chandrayaan2 #VikramLander #PragyanRover (1/4) pic.twitter.com/iKSHntsK1f
— Shan (Shanmuga Subramanian) (@Ramanean) August 1, 2020
उनका यह भी कहना है की –
प्रज्ञान रोवर को पहचानना बहुत मुश्किल है चाँद पर क्योंकि वह दक्षिण ध्रुव पर है जहाँ रौशनी काफी कम होती है। इसलिए ही नासा को भी 11 नवंबर को वह नज़र नहीं आया। ऐसा लगता है की लैंडर तक कुछ दिनों तक कमांड पहुंचे थे और वह रिसीव भी कर रहा था। वह उसे प्रज्ञान रोवर तक भी भेज रहा होगा किन्तु, फिर से धरती पर भेजने में वह सक्षम नहीं है।
South Pole region is not always well lit and the lander was in a shallow depth of 2 ms from the surface so it was not visible in Nov 11th’s NASA flyby due to different angle of incidence & would be difficult for anyone to find it unless the sun is directly above the surface(3/4) pic.twitter.com/hCNvn2c6DH
— Shan (Shanmuga Subramanian) (@Ramanean) August 1, 2020
1.Debris I found was of Langumir probe from the Vikram lander
2. Debris NASA found might be from other payloads, antenna, retro braking engines, solar panels on side etc.,
3. Rover has rolled out from lander & has actually travelled few metres from the surface
(2/4)— Shan (Shanmuga Subramanian) (@Ramanean) August 1, 2020
किन्तु अब सवाल यह उठता है की क्या चंद्रयान 2 सफल है या नहीं ? अभी वैज्ञानिक इस पर जाँच कर रहे है – अब देखना यह होगा की यह दावा सही है या नहीं ?
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