चीन को मिले 2 धमकदार झटके – भारत के पक्ष में है ऑस्ट्रेलिया और भारत ने ११२६ करोड़ का दिया बढ़ा झटका।

291
  • भारत के पक्ष में ऑस्ट्रेलिया ने खूब खरीखोटी सुनाई चीन को नियम और तकाज़े का पालन न करने के लिए। 
  • भारत 1126 करोड़ के प्रोजेक्ट पर लेंगे बड़ा फैसला – शायद हो जाएंगे सभी प्रोजेक्ट रद्द। 

ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओ फरेल ने कहा कि दक्षिण चीन के सागर में चीन ने एक तरफ़ा तरह से यथास्थिति को बदल देने का प्रयास कर रहा है। 

अंतरास्ट्रीय मंच पर चीन के चीज़ो और चीन के बहिष्कार का बयान बहुत तेज़ी से फ़ैल गया है।  चीन अब पुरे विश्व में अलग हो चूका है। ऑस्ट्रेलिया ने खुलकर भारत के पक्ष में आने का बयान जारी किया है।  ऑस्ट्रेलिया के राजदूत बैरी ओ फरेल ने बुधवार को यहाँ कहा कि –

“द्वित्य विश्व युद्ध के बाद नियम को लेके भारत और ऑस्ट्रेलिया पालन करते है और कर भी रहे है किन्तु चीन ऐसा नहीं कर रहे है।”

ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त ने जोर देते हुआ कहा कि –

“दक्षिण चीन के सागर में चीन ने एक तरफा तरीके से यथास्थिति को बदलने का अभ्यास कर रहे है। यह इस पर बानी आम सहमति के मुताबिक नहीं है। विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन में अपने भाषण में उन्होंने बयान दिया कि भारत और ऑस्ट्रेलिया कि चिंताए साझा है।”

उन्होंने यह भी कहा कि – 

चीन ने भले ही काफी अच्छा विकास किया है किन्तु ताकत के साथ एक जिम्मेदारी भी होती है।  विश्व के द्वित्य युद्ध के दौर में समृद्धि, शांति और स्थिरता बनके रखने के लिए नियम की व्यवस्था को ध्यान में रखना भी जरूरी है।  दुर्भाग्य से जितना हम सब इसका पालन कर रहे है – बीजिंग इसके लिए कही से भी समर्पण नहीं कर रहा है और यह हमारे लिए चिंताजनक बात है। 

यह तो था पहला झटका चीन के लिए दूसरा बढ़ा झटका भारत ने दिया है – 1126 करोड़ का। 

भारत में चल रहे सारे चीनी प्रोजेक्ट को रोक लगाने की हो रही है प्रक्रिया – सारे प्रोजेक्ट जो की 1126 करोड़ की कीमत के है हो सकते है अब रद्द। चीन के खिलाफ भारत सरकार ने आर्थिक व्यवस्था पर किये है कुछ कड़े और बढ़े फैसले। चीनी प्रोजेक्ट के लिए अब कड़ाई होगी शुरू। उन सभी प्रोजेक्ट को रद्द कर सकते है जिनमे चीनी कंपनियों ने करार प्राप्त किया है। 

इन प्रोजेक्ट में से एक था रैपिड रेल का प्रोजेक्ट जिसकी बिड चीन ने हासिल की थी।  यह बताया जा रहा है की चीन सीमा के विवाद के बाद भारत सरकार ने उन सारे प्रोजेक्ट की समीक्षा और प्रक्रिया शुरू कर दी है जो चीन की कंपनियों को दी है। सर्कार की और से सारे बढ़ी बिड होगी कैंसिल। 

क्या है यह दिल्ली-मरेठ रेल प्रोजेक्ट ?

दिल्ली-मरेठ के बिच में सेमि हाई स्पीड रेल कॉरिडोर बनना है और यह प्रोजेक्ट से ग़ज़िआबाद, दिल्ली होक मरेठ से जुड़ जाएगी जो 82.15 किलोमीटर लम्बे और RRTS में 68.03 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड और 14.12 किमी अंडरग्राउंड रहेगा।  इस प्रोजेक्ट से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जाने वालो को ज़्यादा फायदा होगा। 

तो यह प्रोजेक्ट पर काफी companies ने बोली लगायी थी जिसमे STEC ने 1126 करोड़ की बोली लगाई थी।  यह एक चीनी कंपनी है। भारतीय कंपनी ने 1170 करोड़ की बोली लगी थी।  तब यह प्रोजेक्ट चीन को हासिल हुआ था किन्तु अब यह रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

हमरा सहयोग करे, कुछ दान करे , ताकी हम सचाई आपके सामने लाते रहे , आप हमरी न्यूज़ शेयर करके भी हमरा सहयोग कर सकते