भारत चीन के साथ हफ्तों के सीमा पर तनाव के बाद से हिन्द महासागर में नौसेना सतर्क हो गई है और अपनी नज़रे और तेज़ कर ली है। नौसेना चीन की महासागर के भीतर की गतिविधियों पर नज़र रखे हुए है। भारतीय नौसेना अब अमेरिकी नौसेना और जापान मेरी टाइम सेल्फ डिफेंस टीम के साथ अपना साथ बढ़ा रही है।
शनिवार के दिन हिन्द महासागर में भारतीय नौसेना जापान की नौसेना के साथ एक महत्वपूर्ण काम कर रही थी वही जहाँ चीनी सेना की submarine थी। भारत की नौसेना के INS राणा और INS कुलिश जहाज इस कार्य के हिस्सा थे और वही जापान के भी 2 जहाज हिस्सा बने थे – JS काशिम और JS शिमायुकि।
यह कार्य महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत और चीन की सीमा के बिच बढ़ते तनाव के दौरान हुआ है और वही चीनी नौसेना दक्षिण चीनी महासागर और इंडो-पसिफ़िक पर आक्रमण करने की तैयारी कर रही है।
सूत्रों द्वारा पता चला है कि इस महत्वपूर्ण कार्य का लक्ष्य केवल दोनों नौसेनाओ के बिच अंतर को बढ़ाना है। भारत, US, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और जापान की नौसेना अपने सम्बन्ध गहरे कर रही है और एक साथ मिलके चीन की सारी समुद्र में सारी गतिविधियों पर नज़र रख रही है।
भारत के 20 जवान शहीद होने के बाद सरकार ने तीनो forces ko सतर्क कर दिया है।
भारत और चीन के सीमा के तनाव के बिच 20 जवान शहीद हो गए थे जिसके बाद सरकार ने तीनो forces को सतर्क कर दिया है। भारतीय नौसेना को अधिक सतर्कता हिन्द महासागर में बढ़ाने को कहा गया है जहा चीनी नौसेना हमला करने का किले बना रही है।
हिन्द महासागर में पिछले कुछ हफ्तों से लोगो द्वारा बताया गया है कि भारतीय नौसेना ने अपनी नज़रे तेज़ कर दी है।
सैन्य विशेषज्ञ ने कहा – “हमने हिन्द महासागर में चीन की गतिविधियों पर अपनी नज़र बढ़ा दी है।” जब भारत ने अपने 80 सैनिको को खो दिया था और चीन ने 300 सैनिको को खो दिया था 1967 के युद्ध के बाद गलवान घाटी वाली घटना में यह दोनों सेनाओ के बीच फिर बढ़ा आमना सामना हुआ था 15 जून 2020 को।
नवंबर 2017 में, चार देशों ने इंडो-पैसिफिक में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नई रणनीति विकसित करने के लिए लंबे समय से “quad” गठबंधन को आकार दिया।
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