पहली नज़र में यह एक सपना सा प्रतीत होता है परंतु जब अनामिका शुक्ला का नाम सुनाई देता है तब यह साफ़ हो जाता है कि इस महिला ने वाकई ऐसा कर दिखाया | कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय (KGBV) और वो भी एक नहीं पूरे 25 और इन 25 स्कूल्स में अनामिका ने काम किया बतौर विज्ञान की अध्यापिका के रूप में और एक साल में कमा लिए एक करोड़ रुपये |
यह मामला तब उजागर हुआ जब उत्तर प्रदेश के शिक्षा बोर्ड ने सभी अध्यापकों का डिजिटल डेटाबेस बनाने का निर्णय लिया | ऐसा देखते हुए उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री द्वारा सारे 746 KGBV स्कूलों में पदस्थ प्रत्येक शिक्षक की जांच का आदेश पारित किया गया | जांच पूरी होने के उपरांत ही यह पता चल पायेगा कि अनामिका शुक्ला जैसे और कितने हैं जो छुपकर देश के करदाताओं की खून पसीने की कमाई खा रहे हैं |
अनामिका की इतनी कमाई कैसे हुई इसका हिसाब जानिये-
- कुल अर्जित आय / कुल माह = 10000000 / 13 = 7,69,230 (प्रति माह)
- प्रति माह आय / कुल स्कूल = 7,69,230 / 25 = 30,769 (प्रति स्कूल)
इस हिसाब से उसने एक स्कूल से प्रतिमाह 30,769 रुपये वेतन अर्जित किया और 13 महीने में यह राशि एक करोड़ पहुँच गयी |
वह कैसे कर सकी इतना सब ?
इसका पता जांच के उपरांत ही चल सकेगा पर आरंभिक स्थिति में भ्रष्टाचार को इसका मुख्य कारण माना जा रहा है | ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि उसके द्वारा हर स्कूल में अलग अलग बायोडाटा जमा किये गए होंगे और खुद को शिक्षक के रूप में हर स्कूल में स्थापित किया गया होगा | परंतु बिना किसी बड़े समर्थन के ऐसा कर पाना नामुमकिन के समान है |
सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में निरंतर विफल होती रही है और सबसे बड़ी दुविधा यह है कि जिन लोगों के हाथ में जांच की कमान जाती है वह सबसे बड़े भ्रष्टाचारी होते हैं | इस मामले का निष्कर्ष भी जांच पर टिका हुआ है जिसका पूरा होना अभी शेष है |
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