COVID-19 की दवा से जुडी एक खबर जल्द प्राप्त हो सकती है जिससे इससे लड़ने में सहायता मिलेगी | DRDO (रक्षा अनुसन्धान एवं विकास संगठन) इस दिशा में काम कर रहा है और उसके द्वारा इसकी दवा तैयार कर ली गयी है और इस दवा के परीक्षण के लिए भी मंज़ूरी भी मिल गयी है | DRDO ने क्लिनिकल ट्रायल के लिए अनुमति का आग्रह किया गया और इसके लिए BHU (बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी) वाराणासी, किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (लखनऊ), गणेश शंकर विधार्थी स्मारक मेडिकल कॉलेज (कानपुर) एवं अन्य संस्थानों को नामांकित किया गया था |
शाशन द्वारा ने किंग जॉर्ज और जीएसवीएम के लिए अनुमति प्रदान कर दी है | DRDO द्वारा भेजे गए पत्र में बताया गया था कि Center for cellular & molecular biology हैदराबाद एवं NIV पुणे में वायरस पर लैब परिक्षण किया है और इस दवा द्वारा वायरस नष्ट भी हुआ | सुरेश खन्ना (मंत्री, चिकित्सा शिक्षा) द्वारा इसके लिए क्लिनिकल ट्रायल को लेकर एक पत्र भेजा और अब सिर्फ कॉलेज की एथिकल कम्युनिटी की मंज़ूरी बची है | जैसे ही ये अनुमति मिलेगी इस दवा को मरीजों पर इस्तेमाल करके देखा जाएगा |
एनस्थीसिया एक्सपर्ट्स द्वारा अध्ययन होगा-
कोरोना मरीज़ जो ICU में भर्ती हैं उनकी देखरेख एनस्थीसिया विभाग के अध्यक्ष द्वारा की जाती है इसलिए इस दवा की ट्रायल भी एनस्थीसिया एक्सपर्ट्स द्वारा ही होगी | इसका प्रभाव एवं परीक्षण कैसा होगा एवं हर एक चीज़ का अध्ययन इन एक्सपर्ट्स द्वारा ही किया जाएगा |
डॉ रेड्डीज़ को दवा निर्माण की ज़िम्मेदारी-
डॉ रेड्डीज़ को DRDO द्वारा दवा निर्माण के लिए चुना गया है एवं चिकित्सा से जुड़ा हुआ परीक्षण नवीटास लाइफ साइंसेज करेगी | इसके अलावा यह कंपनी केजीएमयू एवं जीएसवीएम के साथ संपर्क बनाये रखेगी |
क्या कहा एनस्थीसिया विभाग ने-
एनस्थीसिया विभागाध्यक्ष अपूर्व अग्रवाल (जीएसवीएम) ने बताया DRDO द्वारा दवा बना ली गयी है और कोरोना पर लैब टेस्टिंग के दौरान यह काफी प्रभावी रही | इसकी डी-कोडिंग से जुडी स्टडी के लिए अनुमति दी गयी है | क्लिनिकल ट्रायल के लिए एथिकल समिति से जवाब माँगा है जो जल्द मिल जायेगा |