1 जून से संचालित होंगी तकरीबन 200 Non-AC Trains बुकिंग होगी पूर्णतः ऑनलाइन

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लॉक डाउन के समय में हर व्यवस्था चौपट हो चुकी है जिसे पटरी पर वापस लाने में कुछ वक़्त ज़रूर लगेगा | इसी बीच एक राहत भरी खबर रेलवे से आई है जहाँ 200 ट्रेन्स को चलाने की घोषणा की गयी है | इसके पूर्व श्रमिक ट्रेन्स और 15 जोड़ी स्पेशल राजधानी ट्रेन्स का संचालन शुरू किया जा चुका है | यह सब ट्रेन्स NON-AC होंगी एवं एक जून से इनको चलाया जाएगा | पहले की तरह टिकट ऑनलाइन ही लेना होगा क्योंकि रिजर्वेशन के काउंटर्स अभी नहीं खोले जायेंगे | पीयूष गोयल (रेल मंत्री) ने ट्वीट करते हुए इस बात की पुष्टि की है और उन्होंने यह भी बताया कि जब रूट तैयार होगा तो उसमे ऐसे स्थान चिंहित किये जायेंगे जहाँ लोगों की संख्या अधिक होगी |

रेल मंत्री के अनुसार आने वाले दिनों में श्रमिक ट्रेन्स की संख्या को भी बढाया जाएगा और 400 श्रमिक ट्रेन्स पूरे देश में संचालित होंगी | इसके अलावा जो राजनीति श्रमिक ट्रेन्स पर हो रही थी उससे निपटने के लिए भी रेल मंत्रालय ने इन्तेजाम कर लिया है | रेलवे मंत्रालय के अनुसार अब किसी भी राज्य में श्रमिकों को पहुँचाने के लिए इजाज़त नहीं मांगी जायेगी क्योंकि अब इसका फैसला रेलवे और गृह मंत्रालय मिलकर करेंगे | राज्यों को केवल इन्तेजाम के निर्देश दिए जायेंगे |

मजदूरों को सुगम एवं सुरक्षित तरीके से घर पहुँचाने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा एक नया SOP पारित किया गया है | इस SOP में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि रेलवे अब राज्य के अलावा गृह मंत्रालय से भी बात करके ट्रेन्स चला सकता है | जहाँ से श्रमिक जायेंगे और गंतव्य राज्य दोनों ही नोडल ऑफिसर की नियुती करेंगे जिससे ट्रेनों के संचालन में किसी भी प्रकार की बाधा ना आये |

मई में रेलवे ने दिशा निर्देश दिए थे कि जिस राज्य में श्रमिकों को पहुँचाना है उक्त राज्य से पहले सहमति ली जाएगी एवं उसके बाद ही ट्रेन का संचालन हो सकेगा और जब इस विषय में रेलवे को किसी प्रकार का सन्देश या पत्र प्राप्त होता था उसके बाद ही तैयारी की जाती थी | परंतु कुछ समय से ऐसा देखा जा रहा था कि कुछ प्रदेश श्रमिकों को अपनाने से कतरा रहे थे और वायरस के कारण रोज़गार ख़त्म होने से श्रमिक पैदल ही अपने घरों के लिए निकल पड़े थे | इन सब को देखते हुए यह नयी व्यवस्था बनायीं है इससे अराजकता एवं अव्यवस्था दोनों के ही ख़त्म होने की आशा है |

क्या है नए SOP में ?

  • सबसे पहले तो राज्यों के हस्तक्षेप को कम कर दिया गया है और अब रेलवे बोर्ड गृह मंत्रालय से बात करके काम करेगा |
  • दूसरा यह होगा कि श्रमिकों की संख्या को देखते हुए स्टेशन घटाए बढ़ाये जायेंगे |
  • श्रमिक अपने गंतव्य स्थान से अधिक दूरी पर नहीं उतारे जायेंगे |
  • राजों को नोडल ऑफिसर नियुक करने होंगे जिससे संचालन सुगम बना रहे |
  • किसी भी प्रकार की समस्या आने पर सीधे गृह मंत्रालय में ऑफिसर से बात होगी |
  • अब गंतव्य राज्य की अनुमति के बिना भी हो सकेगा संचालन |

ज्ञात हो कि ट्रेन्स का संचालन 12 मई से शुरू किया गया था जिसके तहत दूसरे प्रदेशों में फसे हुए प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुँचाया जा रहा है | इसके अलावा AC राजधानी ट्रेन्स का भी परिचालन किया जा रहा है |

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