घर या गली में अगर बारिश के बाद पानी जमा हो जाता है, तो उसे जमीन पूलिंग कहते हैं। ये समस्या सिर्फ असुविधा नहीं, बल्कि फसल, घर की नींव और इंसानों की सेहत पर भी असर डालती है। अगर आप भी ऐसे मामलों से जूझ रहे हैं तो नीचे दिए गए कारण और समाधान पर जरूर नज़र डालें।
सबसे पहला कारण है खराब ड्रेनज सिस्टम। अगर गटर, पाइप या नाली बंद हो जाए, तो बारिश का पानी सही जगह नहीं निकल पाता और जमा हो जाता है। दूसरा कारण है मिट्टी की परत में बदलाव। बहुत ढीली या बहुत चिकनी मिट्टी पानी को जल्दी सोख लेती है, लेकिन अगर मिट्टी गीली और सघन हो तो पानी सतह पर ही रह जाता है। तीसरा प्रमुख कारण है निर्माण के दौरान निकासी की योजना का न होना। अक्सर घर बनाते समय बारिश के पानी के निकास को सही जगह नहीं रखा जाता, जिससे बाद में समस्या पैदा होती है।
सबसे पहला कदम है नालियों को साफ़ रखना। हर दो‑तीन महीने में गटर और पाइप को जाँचें और जमी हुई गंदगी निकालें। दूसरा तरीका है भूसंक्रमण (स्लोप) बनाना। घर के आसपास की जमीन को हल्का झुका दें ताकि पानी आसानी से बह सके। तीसरा उपाय है परमीएबल (सिंचन योग्य) सतह का प्रयोग। रेत या छोटे पत्थरों से बना लेयर बनाकर पानी को नीचे तक पहुँचाया जा सकता है। चौथा उपाय है सिंचाई के लिए ड्रम या टैंक का उपयोग, जिससे बारिश का पानी इकट्ठा कर बाद में खेत या बगीचे में इस्तेमाल किया जा सके।
अगर समस्या बड़ी है तो प्रोफ़ेशनल ड्रेनज विशेषज्ञ को बुलाएँ। वे आपके जमीन की जाँच कर सही आकार और स्थान पर ड्रेनज पाइप लगाते हैं। कभी‑कभी छोटे-छोटे बाड़े (कंक्रीट या इट) को हटाना भी मदद करता है, क्योंकि वो पानी को रोकते हैं। याद रखें, नियमित रख‑रखाव से बड़ी समस्या से बचा जा सकता है।
बाज़ार में कई सस्ते पौधे भी उपलब्ध हैं जो मिट्टी को मजबूत बनाते हैं और पानी को सोखते हैं, जैसे घास, घोघरा या बांस। इन्हें घर के चारों ओर लगाएँ और देखिए पानी किधर जाए।
अंत में, यदि आपके पास कोई खाली जमीन है, तो उसे छोटे तालाब या जलाशय में बदलें। यह न सिर्फ पानी को जमा होने से बचाएगा, बल्कि गर्मियों में ठंडक भी देगा।
इन साधारण उपायों को अपनाकर आप जमीन पूलिंग से बच सकते हैं और अपनी संपत्ति को सुरक्षित रख सकते हैं। अगर अभी भी दिक्कत है, तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें—समस्या जल्द सुलझेगी।