तीन महीने की मोहलत खत्म हो चुकी है। अब सख्ती शुरू। जिन राशन कार्डधारकों का आधार लिंक नहीं है या बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अधूरा है, उनका फ्री राशन रुक सकता है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 7.55 लाख लोगों ने अभी तक प्रक्रिया पूरी नहीं की है और वे तुरंत जोखिम में हैं। बात सिर्फ प्रक्रिया की नहीं है—यह तय करेगा कि अगली बार दुकान पर आपका यूनिट पास होगा या “अमान्य” दिखेगा।
संदर्भ समझना जरूरी है। देश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत करोड़ों लोग सरकार के सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) से सस्ता या मुफ्त अनाज लेते हैं। 2024 से केंद्र ने NFSA के तहत अनाज मुफ्त देने का फैसला पांच साल के लिए बढ़ाया है। लेकिन लाभ वही पाएगा जिसकी पहचान और पात्रता सही तरीके से सत्यापित है। इसी कड़ी में e-KYC अनिवार्य किया गया है ताकि नकली, डुप्लीकेट और ट्रांसफर हो चुके कार्ड सिस्टम से बाहर हों।
क्या बदला: हर पांच साल में e-KYC, आधार लिंक और कड़ी स्क्रीनिंग
सरकार ने 31 मार्च 2025 तक e-KYC पूरी करने की समयसीमा तय की थी। इसके बाद तीन महीने की राहत दी गई, जो अब खत्म हो चुकी है। यानी यदि आपने समय पर सत्यापन नहीं कराया, तो आपके लाभ पर रोक लग सकती है।
22 जुलाई 2025 से केंद्र ने आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3 के तहत स्पष्ट प्रावधान लागू किए—अब सभी राशन कार्डधारकों को हर पांच साल में e-KYC करवाना होगा। राज्यों के लिए यह भी अनिवार्य किया गया है कि वे समय-समय पर पात्र परिवारों की सूची की समीक्षा करें, फील्ड वेरिफिकेशन कराएं और गलत/डुप्लीकेट प्रविष्टियां हटाएं।
किसे तुरंत असर पड़ेगा? जिनका आधार राशन कार्ड से नहीं जुड़ा है, जिनकी बायोमेट्रिक पहचान (फिंगरप्रिंट/आईरिस) दुकान पर या ऑनलाइन सफल नहीं हुई, या जिनके डेटाबेस में नाम, उम्र, रिश्तेदारी जैसी जानकारी गलत/अधूरी है—इन सभी का यूनिट अस्थायी रूप से निलंबित हो सकता है।
एक और सख्त प्रावधान आया है—यदि किसी कार्डधारक ने पिछले छह महीनों से राशन नहीं उठाया, तो उसके कार्ड को अस्थायी रूप से डिसेबल किया जा सकता है। इसके बाद राज्य स्तर पर फील्ड जांच और e-KYC तीन महीनों में कराई जाएगी। पुष्टि मिलते ही लाभ बहाल होगा, वरना कार्ड रद्द भी हो सकता है।
बच्चों और उम्र संबंधी नियम भी स्पष्ट किए गए हैं। 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति के नाम से अलग राशन कार्ड अब संभव नहीं होगा। पांच साल से छोटे बच्चों के लिए, यदि आधार उपलब्ध है तो उसे दर्ज करना होगा, और बच्चा पांच का होते ही एक साल के भीतर e-KYC पूरा कराना पड़ेगा, ताकि परिवार की यूनिट सही रहे।
- आधार लिंकिंग अनिवार्य: परिवार के सभी पात्र सदस्यों का आधार रिकॉर्ड में होना चाहिए, ताकि वितरण के वक्त पहचान मिलान हो सके।
- बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन: फिंगरप्रिंट/आईरिस स्कैन से पहचान की पुष्टि की जाएगी। असफल होने पर वैकल्पिक ऑथेंटिकेशन विकल्प राज्य नियमों के अनुसार उपलब्ध हो सकते हैं।
- डेटा मिलान: नाम-उम्र-रिश्ता जैसी एंट्री सरकारी डेटाबेस से मेल खानी चाहिए। गड़बड़ी होने पर लाभ रुकेगा, जब तक सुधार न हो।
यह सब क्यों? उद्देश्य साफ है—डुप्लीकेट कार्ड हटाना, फर्जी यूनिट रोकना, और अनाज सही परिवार तक पहुंचाना। इससे सिस्टम में लीकेज कम होता है और जो हकदार हैं, उन्हें पूरा लाभ मिलता है।

आपके लिए इसका मतलब: किनका राशन रुकेगा, कैसे करें e-KYC, क्या करें अगर डेडलाइन छूट गई
सबसे बड़ा सवाल—किनका फ्री राशन रुक सकता है?
- जिनका आधार राशन कार्ड से लिंक नहीं है।
- जिनका बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन (दुकान/ऑनलाइन) पूरा नहीं हुआ।
- जिनके रिकॉर्ड में गलत या अधूरी जानकारी है (नाम की स्पेलिंग, उम्र, परिवार के सदस्यों की संख्या, रिश्ते में गड़बड़ी)।
- जिन्होंने छह महीनों से राशन नहीं उठाया—इनका कार्ड पहले अस्थायी रूप से डिसेबल होगा, फिर जांच के बाद निर्णय।
डेडलाइन मिस कर दी? घबराइए नहीं—पहला काम e-KYC पूरा करना है। जैसे ही आपकी पहचान और पात्रता सत्यापित हो जाएगी, राज्य/केंद्र की गाइडलाइंस के अनुसार अगले वितरण चक्र से लाभ बहाल हो सकता है। पिछले महीनों के “बैकलॉग” का भुगतान/अनाज देना राज्य की नीति पर निर्भर करेगा, इसलिए स्थानीय कार्यालय से लिखित अपडेट लेना समझदारी है।
e-KYC कैसे करें—दो रास्ते हैं:
- ऑनलाइन तरीका: अपने राज्य की PDS/NFSA पोर्टल पर जाएं, राशन कार्ड नंबर डालें, आधार सीडिंग/वेरिफिकेशन सेक्शन चुनें, ओटीपी/बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन करें, और सबमिट करें। मोबाइल नंबर आधार से जुड़ा हो तो बेहतर रहता है।
- ऑफलाइन तरीका: नजदीकी उचित मूल्य दुकान (राशन दुकान) या नामित कैंप/कियोस्क पर जाएं। वहां PoS मशीन से फिंगरप्रिंट/आईरिस स्कैन होता है। सफल होने पर सिस्टम में “ई-केवाईसी पूर्ण” अपडेट हो जाता है।
कौन-कौन से दस्तावेज लगेंगे? मुख्य रूप से आधार कार्ड। कुछ राज्यों में परिवार/पते के सत्यापन के लिए अतिरिक्त कागज मांगे जा सकते हैं—जैसे परिवार रजिस्टर, पहचान पत्र, या हाल का पता प्रमाण। बेहतर है कि आधार के साथ एक फोटो पहचान भी साथ रखें, ताकि किसी गड़बड़ी पर तुरंत मिलान हो सके।
ऑनलाइन e-KYC में ये गलतियां आम हैं—और ऐसे सुलझाएं:
- नाम/जन्मतिथि मेल नहीं खाती: पहले आधार रिकॉर्ड में सुधार कराएं, फिर PDS डेटाबेस अपडेट करवाएं।
- फिंगरप्रिंट मैच नहीं हो रहा: उंगली साफ/सूखी रखें, जरूरत पड़े तो आइरिस स्कैन विकल्प पूछें। कई जगह फेस-ऑथेंटिकेशन/वैकल्पिक विधि भी उपलब्ध होती है—दुकानदार/अधिकारी से पूछ लें।
- ओटीपी नहीं आ रहा: आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर सक्रिय होना चाहिए। नंबर बदल गया है तो पहले आधार रिकॉर्ड में अपडेट कर लें।
- सर्वर/नेटवर्क डाउन: भीड़ के समय में सिस्टम स्लो होता है, सुबह या दोपहर के कम भीड़ वाले स्लॉट में जाएं।
छह महीने तक राशन नहीं उठाया? क्या होगा—कार्ड अस्थायी रूप से डिसेबल हो सकता है। इसके बाद स्थानीय सप्लाई ऑफिस/फील्ड टीम सत्यापन करेगी। अगर परिवार मौजूद है और पात्रता बनी हुई है, तो e-KYC के बाद कार्ड फिर से सक्रिय किया जा सकता है। लंबे समय तक बिना इस्तेमाल और सत्यापन के मामले में कार्ड रद्द भी हो सकते हैं।
माइग्रेंट कामगारों के लिए “वन नेशन, वन राशन कार्ड” पोर्टेबिलिटी तभी सहज चलती है जब कार्ड और आधार ठीक से सीडेड हों और e-KYC क्लियर हो। यदि आपने शहर बदला है, तो नई जगह की दुकान पर पहले ही आधार-सीडिंग/बायोमेट्रिक की स्थिति चेक करा लें, वरना ट्रांजैक्शन फेल दिख सकता है।
18 साल से कम उम्र वालों के नाम से अलग कार्ड अब नहीं बनेगा—वे परिवार की यूनिट में शामिल रहेंगे। पांच साल से छोटे बच्चों का आधार उपलब्ध हो तो दर्ज करें, और बच्चा पांच का होते ही एक साल के भीतर e-KYC पूरा कराएं ताकि यूनिट की संख्या में कटौती न हो।
क्या वरिष्ठ नागरिक या दिव्यांग लोग कैसे कराएंगे? कई राज्यों में दुकानों/कैंपों पर मदद के लिए कर्मचारी होते हैं। किसी का फिंगरप्रिंट मैच न हो तो वैकल्पिक प्रमाणीकरण का अनुरोध करें। जरूरत पड़े तो परिवार का वयस्क सदस्य साथ जाए और प्रक्रिया में मदद करे।
डेटा सुरक्षा को लेकर चिंता स्वाभाविक है। e-KYC में आधार आधारित प्रमाणीकरण होता है—उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बटाईदार, डुप्लीकेट या ट्रांसफर हो चुके कार्ड सिस्टम में न रहें। यह भी ध्यान रखें कि PDS डेटाबेस और आधार रिकॉर्ड में एक समान जानकारी रखना आपके लिए फायदेमंद है—ट्रांजैक्शन विफलताओं और बार-बार लौटने की परेशानी कम होती है।
कब और कैसे पता चलेगा कि आपका e-KYC हो गया? दुकान पर अगली बार ट्रांजैक्शन के वक्त “e-KYC कम्प्लीट” की एंट्री दिख सकती है। ऑनलाइन पोर्टलों पर स्टेटस सेक्शन में भी अपडेट आता है। अगर स्टेटस अपडेट नहीं दिख रहा, तो रसीद/सिस्टम स्क्रीनशॉट के साथ लोकल सप्लाई ऑफिस में दर्ज कराएं और एंट्री सही करवाएं।
क्या लाभ बंद होने पर तुरंत “रीस्टोर” मिलता है? आमतौर पर e-KYC सफल होते ही अगले साइकिल के साथ लाभ बहाल हो जाता है। लेकिन बकाया/मिस्ड कोटा का भुगतान राज्य की नीति पर निर्भर करता है। इसलिए समय पर प्रक्रिया पूरी करना ही सबसे सुरक्षित रास्ता है।
एक प्रैक्टिकल चेकलिस्ट बना लें:
- आधार-राशन कार्ड सीडिंग की स्थिति देखें—ऑनलाइन/दुकान दोनों पर कन्फर्म करें।
- सभी परिवार सदस्यों के नाम और उम्र सही हैं या नहीं—गलत हो तो सुधार की रसीद लें।
- मोबाइल नंबर आधार से जुड़ा और सक्रिय है—ओटीपी के बिना ऑनलाइन प्रक्रिया अटकती है।
- छह महीने से राशन नहीं लिया? अगले चक्र से पहले e-KYC और फील्ड वेरिफिकेशन करवा लें।
नीति का बड़ा असर यह है कि सिस्टम से फर्जी एंट्री हटेंगी और सही परिवार तक मुफ्त अनाज पहुंचेगा। लेकिन यह तभी संभव है जब आप भी अपनी तरफ से रिकॉर्ड सही रखें, समय पर e-KYC कराएं और किसी भी असंगति पर लिखित शिकायत/प्रमाण अपने पास रखें। अगली बार दुकान पर लाइन में लगने से पहले यह होमवर्क करने से आपका ट्रांजैक्शन एक बार में “सक्सेस” हो जाएगा।