लखनऊ के सौमित्रा विहार आवास योजना में 1,122 प्लॉट्स की लॉटरी ड्रॉ का परिणाम

लखनऊ के सौमित्रा विहार आवास योजना में 1,122 प्लॉट्स की लॉटरी ड्रॉ का परिणाम

राजत विजयवर्गीय 23 सित॰ 2025

परियोजना की पृष्ठभूमि और भूमि पूलिंग व्यवस्था

लखनऊ के न्यू जेल रोड पर स्थित सौमित्रा विहार आवास योजना को कई सालों से लेकर अब तक विभिन्न कारणों से टाल‑मटोल का सामना करना पड़ा। मूल रूप से इस परियोजना को जनवरी 2025 में शुरू होने का शेड्यूल था, परन्तु भूमि दस्तावेज़ीकरण और किसानों के साथ पूलिंग समझौते में देरी के चलते इसे छह महीने तक स्थगित रखना पड़ा। बोर्ड को रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) की शर्तों के तहत यह सुनिश्चित करना था कि सभी लेन‑देन, कब्ज़ा और दस्तावेज़ी प्रमाणित हो जाएँ, तभी सार्वजनिक लॉन्च संभव हो सके।

भूमि पूलिंग नीति के तहत, जिन्होंने अपना ज़मीन बोर्ड को सौंपा था, उन्हें विकसित भूमि का 25% वापस मिलना अनिवार्य था। इस प्रक्रिया में किसान प्रतिनिधियों, स्थानीय प्रशासन और UPAVP के बीच कई बार मुलाक़ातें हुईं, ताकि सहमतियों को अंतिम रूप दिया जा सके। अंततः सभी आवश्यक अनुमोदन मिलते ही परियोजना को आगे बढ़ाने की अनुमति मिली और लॉटरी ड्रॉ की तैयारी शुरू हुई।

लॉटरी ड्रॉ का विस्तृत विवरण और आवंटन संरचना

लॉटरी ड्रॉ का विस्तृत विवरण और आवंटन संरचना

22‑23 सितम्बर 2025 को दो दिन तक चलता लॉटरी ड्रॉ, 1,122 प्लॉट्स के लिए आयोजित किया गया। इस ड्रॉ में इकाई‑वार क्रमांक और आवंटन दोनों को पारदर्शी तरीके से तय किया गया, जिससे आम जनता को भरोसा मिला कि प्रक्रिया निष्पक्ष थी। उप‑आवास आयुक्त चंदन कुमार पटेल ने पहले ही किसानों को उनकी हिस्सेदारी आवंटित करने की घोषणा कर दी थी, इसके बाद शेष प्लॉट्स जनता के लिए खुले।

परियोजना को दो चरणों में बांटा गया है, प्रत्येक चरण में लगभग 2,000 प्लॉट्स – आवासीय और वाणिज्यिक दोनों – उपलब्ध होंगे। आवंटन में सामाजिक वर्ग को ध्यान में रखते हुए निम्नलिखित अनुपात तय किया गया है:

  • EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के लिये कुल प्लॉट्स का 10% आरक्षित, प्रत्येक प्लॉट का आकार 30 वर्ग मीटर।
  • MIG (मध्यम आय वर्ग) के लिये भी 10% प्लॉट्स, प्रत्येक का आकार 65 वर्ग मीटर।
  • HIG (उच्च आय वर्ग) के खरीदारों को 128 से 300 वर्ग मीटर के बड़े प्लॉट्स मिलेंगे।
  • आवासीय प्लॉट्स की सीमा 80‑200 वर्ग मीटर, जबकि व्यावसायिक प्लॉट्स की कीमत लगभग ₹23,000 प्रति वर्ग मीटर तय की गई।

इस ढाँचे से यह स्पष्ट है कि योजना न केवल निचले वर्ग को सस्ती आवास प्रदान कर रही है, बल्कि मध्यम और उच्च आय वर्ग के लिए भी पर्याप्त विकल्प रखती है। दो चरणों में काम पूरा होने पर लखनऊ के कई क्षेत्रों में नई रिहायश और व्यावसायिक केंद्र स्थापित होंगे, जिससे शहर की जनसंख्या दबाव कम होगी और नई आर्थिक गतिविधियों को जन्म मिलेगा।

ड्रॉ में भागीदारी के आंकड़े दर्शाते हैं कि लॉटरी में अत्यधिक उत्साह रहा। कई नागरिकों ने अपने-अपने दस्तावेज़ तैयार करके लाइन में खड़े होने का समय तय किया था। इस प्रकार की पारदर्शी प्रक्रिया, अधिकारियों की जवाबदेही और विस्तृत नियोजन ने इस शोभनीय परियोजना को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने में मदद की है।