जब हमें सस्ते दाल‑चावल चाहिए होते हैं, तो हम अक्सर PDS यानी सार्वजनिक वितरण प्रणाली की बात करते हैं। सरकार इस योजना के ज़रिये हर साल लाखों जरूरतमंदों को अनाज, राशन, तेल व दाल जैसी बुनियादी चीज़ें देती है।
आसान शब्दों में कहें तो PDS आपका ‘गोदाम’ है जहाँ से आप रेशन कार्ड लेकर सस्ते दाम में आवश्यक सामान ले सकते हैं। अब देखते हैं कि यह कैसे काम करता है और आपको क्या‑क्या जानना चाहिए।
मुख्य तौर पर दो समूह होते हैं – ‘आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग’ (BPL) और ‘आधार कार्ड वाले सामान्य वर्ग’ (AAY/अटल पेंशन)। अगर आपका परिवार का वार्षिक आय 1 लाख रुपए से कम है, तो आप BPL के तहत आते हैं। अन्यथा, आपका नाम AAY या सामान्य श्रेणी में आ सकता है, जिससे आप भी रेशन ले सकते हैं।
पंजीकरण के लिए सबसे ज़रूरी है आधार कार्ड और पता प्रमाण। ये दो दस्तावेज़ जमा करके आप आसानी से अपने नजदीकी पंजीकरण केंद्र में आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन भी अब उपलब्ध है, बस फ़ॉर्म भरें और सत्यापन के बाद आपका रेशन कार्ड तैयार हो जाएगा।
डिजिटल भारत के असर से PDS में कई नई तकनीकें जुड़ी हैं। सबसे बड़ी बात है इलेक्ट्रॉनिक विन्डिंग मशीन (EVM) और स्मार्ट कार्ड। अब हर रेशन की डिटेल मोबाइल ऐप पर देखी जा सकती है – कितनी मात्रा, कब डिलीवर हुई, बकाया कितना है। इससे चोरी‑छिपे बनावटी रेसिपी की संभावना कम हो गई है।
इसके अलावा, मंदिर, स्कूल और अस्पताल जैसे जगहों पर भी ‘डायरेक्ट डिस्ट्रिब्यूशन’ चल रही है, जहाँ लोग सीधे हाथ‑से‑हाथ अनाज ले सकते हैं। यह पहल ग्रामीण इलाकों में खासकर मददगार साबित हो रही है, जहाँ रिवर्स लॉजिस्टिक जाम अक्सर होता था।
नयी किसान मित्र योजना के तहत अनाज के साथ साथ सोयाबीन, मक्का और तिल जैसे वैकल्पिक पदार्थ भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे पोषण में विविधता आती है।
अब बात करते हैं कि जब आप रेशन लेनी चाहें तो क्या‑क्या करना चाहिए। सबसे पहले, अपने रेशन कार्ड पर लिखे हुए राशन स्टॉल (एफएसएस) का पता याद रखें। स्टॉल पर पहुँचते ही अपना कार्ड और एक फोटोकॉपी पहचान पत्र दिखाएँ। फिर आपको आपके अधिकार के अनुसार दाल, चावल, तेल आदि के बाल्टी मिलेंगे। याद रखें, एक महीने में एक बार ही सामान लेना होता है, नहीं तो आपका बैलेंस फ्रीज़ हो सकता है।
अगर आपके पास सारा रेशन नहीं मिला या कमी लग रही है, तो तुरंत डब्ल्यू.एस.आर. (ग्रेटर वैरिफिकेशन) में शिकायत दर्ज करवाएँ। अधिकांश राज्यों में 48 घंटे के भीतर समाधान हो जाता है।
एक और चीज़ जो अक्सर सुनी जाती है वो है ‘आवधिक मूल्यवृद्धि’। सरकारी नीतियों के मुताबिक, हर साल अनाज की कीमत में थोड़ी बढ़ोतरी होती है, पर आप अभी भी बाजार दर से बहुत सस्ते में ले सकते हैं। यह बढ़ोतरी अक्सर मौसमी भण्डारण लागत को कवर करती है।
अंत में, अगर आप PDS का पूरा फायदा उठाना चाहते हैं तो समय‑समय पर अपडेटेड पोर्टल (जैसे मुफ्तपोर्टल.इन) पर जा कर अपने कार्ड की वैधता और बकाया को चेक करते रहें। इससे किसी भी तरह की बाधा से बचा जा सकता है।
तो संक्षेप में – PDS आपके जीवन को आसान बनाता है, लेकिन इसके लिए सही जानकारी और समय पर कार्रवाई जरूरी है। यदि आप अभी तक रजिस्टर नहीं हुए हैं, तो जल्द से जल्द अपना आधार लिंक करवा कर इस लाभ का हिस्सा बनें।