भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में एक नया मील का पत्थर लग गया है। महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड ने महिंद्रा XEV 9Sभारत की पहली डेडिकेटेड 7-सीटर इलेक्ट्रिक एसयूवी को 27 नवंबर 2025 को लॉन्च कर दिया। शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत सिर्फ 19.95 लाख रुपये — ये नंबर न सिर्फ बाजार को हिला रहा है, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भारतीय परिवारों की उम्मीदों को भी नया आकार दे रहा है। ये गाड़ी सिर्फ एक नया मॉडल नहीं, बल्कि एक संकेत है कि भारत अब बड़े परिवारों के लिए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को भी व्यावहारिक बना रहा है।
INGLO प्लैटफॉर्म पर बनी एक अलग दुनिया
महिंद्रा XEV 9S, INGLO प्लैटफॉर्म पर आधारित है — जो कि एक ऐसा डिजाइन है जिसे महिंद्रा ने खास तौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बनाया है। ये वाहन XUV700 का इलेक्ट्रिक भाई है, लेकिन इसमें बहुत कुछ अलग है। बैटरी के लिए जगह बनाने के लिए चेसिस को पूरी तरह रीडिजाइन किया गया है। इसका मतलब? बेहतर वजन वितरण, बेहतर हैंडलिंग, और बेहतर सुरक्षा। ये गाड़ी किसी भी गाड़ी की तरह नहीं है — ये एक इलेक्ट्रिक एसयूवी है, जो अपने आप में एक नई श्रेणी बना रही है।
6 वेरिएंट, 3 बैटरी ऑप्शन, एक ही मिशन
महिंद्रा ने XEV 9S को कुल 6 वेरिएंट्स में लॉन्च किया है, जिनमें तीन बैटरी साइज़ हैं: 59kWh, 70kWh और 79kWh। सबसे सस्ता मॉडल — पैक वन एबव 59kWh — 19.95 लाख रुपये में आ रहा है। लेकिन जो लोग लंबी यात्राओं के लिए तैयार हैं, उनके लिए 79kWh वाला वेरिएंट एक जबरदस्त 679 किलोमीटर की रेंज प्रदान करता है। ये नंबर अभी तक भारत में किसी भी 7-सीटर EV के लिए अप्राप्त था। 70kWh वाले मॉडल्स 600 किमी की रेंज देते हैं, जो दिल्ली से मुंबई तक की यात्रा के लिए पूरी तरह काफी है।
इसके अलावा, इसमें एक 70kWh बैटरी के साथ सिंगल मोटर विकल्प भी है, जो 241bhp की पावर और 380Nm टॉर्क देता है। शून्य से 100 किमी/घंटा की स्पीड सिर्फ 7 सेकंड में — ये नंबर किसी भी इलेक्ट्रिक SUV के लिए अत्यधिक है। ये गाड़ी बस शांत नहीं है, ये तेज़ भी है।
प्रीमियम सुविधाएं, जो आम गाड़ियों में नहीं मिलतीं
महिंद्रा ने इस गाड़ी में उन सुविधाओं को शामिल किया है जो अभी तक केवल लक्ज़री कारों में ही देखी जाती थीं। पैनोरमिक सनरूफ़, हरमन कार्डन साउंड सिस्टम, दो-स्पोक फ्लैट-बॉटम स्टीयरिंग व्हील, और रिक्लाइनिंग सेकंड रो सीटें — ये सब एक साथ एक 7-सीटर EV में। यहां तक कि फ्रंट स्टोरेज और पावर्ड टेलगेट भी हैं। ये न सिर्फ आराम की बात है, बल्कि ये एक दृष्टिकोण है: इलेक्ट्रिक गाड़ियां अब सिर्फ बचत के लिए नहीं, बल्कि जीवनशैली के लिए हैं।
रनिंग कॉस्ट: 1.2 रुपये प्रति किमी — डीजल का आधा
महिंद्रा का दावा है कि XEV 9S की रनिंग कॉस्ट सिर्फ 1.2 रुपये प्रति किमी है। इसका मतलब? एक लाख किमी की यात्रा में आपको ईंधन पर सिर्फ 1.2 लाख रुपये खर्च करने पड़ेंगे। एक डीजल SUV के लिए ये नंबर 5-6 लाख रुपये होता। और मेंटेनेंस? सिर्फ 40 पैसे प्रति किमी। क्यों? क्योंकि इलेक्ट्रिक मोटर में कोई ऑयल, कोई फिल्टर, कोई एक्सहॉस्ट नहीं होता। इसका मतलब? कम रखरखाव, कम दुर्घटनाएं, कम गाड़ी रखने का तनाव।
बिजनेस यूजर्स के लिए तो ये एक खजाना है। 40% डिप्रिसिएशन बेनिफिट मिल रहा है — यानी आपकी टैक्स बचत बढ़ जाती है। इसके अलावा, महिंद्रा 7.2kW और 11.2kW होम चार्जर भी ऑफर करती है, जिनकी कीमत क्रमशः 50,000 और 75,000 रुपये है। ये चार्जर अगर आपके घर में लग जाएं, तो आपको किसी चार्जिंग स्टेशन पर लाइन में खड़े होने की जरूरत नहीं होगी।
बुकिंग और डिलीवरी: एक अनूठा टाइमलाइन
बुकिंग 14 जनवरी 2026 से शुरू होगी — यानी लॉन्च के बाद सिर्फ 48 दिन बाद। और डिलीवरी 23 जनवरी 2026 से शुरू होगी। ये टाइमलाइन असाधारण है। आमतौर पर, नई EV लॉन्च होती है, फिर 6-8 महीने तक डिलीवरी टाली जाती है। महिंद्रा ने इस बार जल्दी डिलीवरी का वादा किया है। ये बताता है कि कंपनी के पास बैटरी और चिप्स की आपूर्ति के लिए ठोस योजनाएं हैं।
क्या ये XEV 9e से बेहतर है?
महिंद्रा के पास पहले से ही XEV 9e है — जो भी INGLO प्लैटफॉर्म पर बनी है। लेकिन XEV 9S उससे 1.95 लाख रुपये सस्ती है। और फिर भी, इसमें 7 सीटें हैं। ये बात बहुत महत्वपूर्ण है। XEV 9e एक 5-सीटर है। XEV 9S एक पूरा परिवार ले जा सकता है। ये न सिर्फ एक नया मॉडल है, बल्कि एक नया बाजार है।
क्या भारत तैयार है?
भारत में EV बाजार तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन अभी भी बड़े परिवारों के लिए विकल्प कम हैं। अधिकांश 7-सीटर EV अभी भी आयातित हैं — और उनकी कीमत 40-50 लाख रुपये के आसपास है। XEV 9S ने इस दरार को बंद कर दिया है। अब एक नौकरी करने वाला पिता, जो दिल्ली से गुड़गांव जाता है और अपने दो बच्चों और माता-पिता को साथ ले जाना चाहता है, अब एक इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीद सकता है। ये बदलाव बहुत बड़ा है।
अगला कदम क्या होगा?
महिंद्रा ने इस गाड़ी के साथ एक नया मानक बनाया है। अब अन्य कंपनियां — टाटा, मारुति, हुंडई — इस दायरे में आएंगी। अगले 12 महीनों में हम देखेंगे कि क्या कोई और 7-सीटर EV 20 लाख रुपये के अंदर लॉन्च करता है। ये न सिर्फ महिंद्रा की जीत है — ये भारतीय उपभोक्ता की जीत है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
महिंद्रा XEV 9S की रेंज दूसरी EVs से कैसे बेहतर है?
79kWh बैटरी वाला मॉडल 679 किमी की रेंज देता है, जो भारत में अभी तक किसी 7-सीटर EV के लिए नहीं मिला। इसकी रेंज टाटा स्टारिक्स EV से 200 किमी अधिक है और हुंडई Ioniq 7 के बराबर है, लेकिन इसकी कीमत उससे लगभग 50% कम है।
क्या ये गाड़ी भारत के गांवों में भी चल सकती है?
हां, लेकिन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर निर्भर करता है। महिंद्रा 7.2kW होम चार्जर ऑफर करती है, जिसे घर पर लगाया जा सकता है। अगर आपके घर में चार्जिंग सुविधा है, तो गांवों में भी ये गाड़ी बहुत अच्छी काम करेगी। लेकिन लंबी यात्राओं के लिए चार्जिंग स्टेशन की उपलब्धता अभी भी एक चुनौती है।
मेंटेनेंस कॉस्ट 40 पैसे प्रति किमी कैसे संभव है?
इलेक्ट्रिक वाहनों में इंजन, ऑयल, फिल्टर, एक्सहॉस्ट सिस्टम नहीं होते, जिससे रखरखाव की आवश्यकता कम हो जाती है। सिर्फ ब्रेक पैड, टायर, बैटरी और सस्पेंशन की जांच की जाती है। महिंद्रा के अनुसार, इसका औसत वार्षिक खर्च डीजल SUV के आधे से कम है।
क्या ये गाड़ी बिजनेस यूजर्स के लिए फायदेमंद है?
हां, बहुत। 40% डिप्रिसिएशन बेनिफिट के साथ, एक बिजनेस ओनर जो 25 लाख रुपये की गाड़ी खरीदता है, उसकी टैक्स बचत लगभग 10 लाख रुपये हो सकती है। इसके अलावा, रनिंग कॉस्ट में 70% बचत से लॉन्ग टर्म में बड़ी बचत होती है।
XEV 9S के लिए कितने रंग उपलब्ध हैं?
महिंद्रा ने XEV 9S को छह रंगों में लॉन्च किया है: व्हाइट फ्लैश, ब्लैक रॉक, ब्लू एक्सप्रेस, ग्रे स्टोन, रेड ड्राइव और गोल्ड एनर्जी। इनमें से तीन रंग ड्यूल टोन विकल्प के साथ भी उपलब्ध हैं, जो इसे लक्ज़री कारों जैसा दिखाते हैं।
क्या इस गाड़ी के लिए सरकारी सब्सिडी उपलब्ध है?
हां, अगर आप भारत में एक निजी उपभोक्ता हैं, तो FAME-II सब्सिडी के तहत आपको बैटरी पर अधिकतम 1.5 लाख रुपये की सब्सिडी मिल सकती है। यह सब्सिडी एक्स-शोरूम कीमत से घटाई जाती है, जिससे वास्तविक कीमत और भी कम हो जाती है।