2025 में भारत में नई एसयूवी: Maruti से Tata और Mahindra तक—खरीदने से पहले पूरी गाइड

2025 में भारत में नई एसयूवी: Maruti से Tata और Mahindra तक—खरीदने से पहले पूरी गाइड

राजत विजयवर्गीय 9 सित॰ 2025

भारतीय कार बाजार में एसयूवी अब ट्रेंड नहीं, मेनस्ट्रीम है—नई कार बिक्री में आधे से ज्यादा हिस्से पर एसयूवी कब्जा कर चुकी हैं। 2025-26 में कंपनियां आक्रामक लॉन्च प्लान के साथ उतर रही हैं और त्योहारों के मौसम में शो-रूम भरे रहने वाले हैं। अगर आप भारत में नई एसयूवी लेने की सोच रहे हैं, तो अगले कुछ महीनों में मिलने वाले विकल्पों और सही चुनाव के लिए जरूरी चेकलिस्ट यहां एक जगह मिल जाएगी।

मार्केट में इस साल और अगले साल कुल 80-90 से ज्यादा नई कारें आने की राह पर हैं, जिनमें 50 से ऊपर एसयूवी हैं। ईंधन विकल्पों में पेट्रोल, डीजल, सीएनजी, स्ट्रॉन्ग-हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक—सब कुछ मौजूद रहेगा। नतीजा? हर बजट, हर यूज़-केस और हर ब्रांड पसंद के लिए एक से ज्यादा विकल्प।

2025-26 में कौन-कौन सी एसयूवी आ रही हैं?

मुख्य लॉन्च की संभावित टाइमलाइन, अनुमानित कीमत और प्रमुख बातों को एक जगह समझिए। कंपनियों की आधिकारिक जानकारी, उद्योग सूत्रों और मॉडल साइकिल से संकेत मिलते हैं कि ये लॉन्च शेड्यूल काफी हद तक इसी रेंज में रहेंगे।

  • Maruti Suzuki Victoris (लॉन्च: 3 सितंबर 2025 | ₹12–20 लाख) — Grand Vitara वाले प्लेटफॉर्म पर बनी यह Maruti Arena की फ्लैगशिप एसयूवी है। पेट्रोल और CNG के साथ स्ट्रॉन्ग-हाइब्रिड का विकल्प भी संभावित है। 5-स्पीड MT, 6-स्पीड AT और e-CVT गियरबॉक्स मिल सकते हैं। सेगमेंट में Level-2 ADAS जैसी फीचर लिस्ट Victoris को अलग खड़ा करती है।
  • Tata Punch 2025 (उम्मीद: 15 अक्टूबर 2025 से | ₹6 लाख+) — अपडेटेड डिज़ाइन, इन्फोटेनमेंट और सेफ्टी पैक के संकेत हैं। माइक्रो-एसयूवी सेगमेंट में Punch पहले से ही बेस्ट-सेलर है; फेसलिफ्ट के बाद फीचर और वैरिएंट स्ट्रैटेजी और आक्रामक हो सकती है।
  • Mahindra Thar Facelift (उम्मीद: 30 अक्टूबर 2025 | ₹12–18 लाख) — 2-डोर ऑफ-रोडर की पोजिशनिंग वही रहेगी, लेकिन केबिन क्वालिटी, सीट कंफर्ट और फीचर सेट में सुधार की चर्चा है। पेट्रोल-डीजल, MT/AT और 4x4 कॉन्फिगरेशन बरकरार रहने की उम्मीद।
  • Mahindra Vision S (कॉम्पैक्ट SUV, लक्ष्य: जनवरी 2027 | ₹10.50–17.50 लाख) — शहरी यूज़ पर फोकस। इंटीरियर टेक और मॉड्यूलर प्लेटफॉर्म की झलक कॉन्सेप्ट में दिख चुकी है।
  • Mahindra Vision X (कॉम्पैक्ट SUV, लक्ष्य: अगस्त 2026) — पोर्टफोलियो का गैप भरने के लिए प्लेस्ड प्रोडक्ट, डीजल विकल्प पर नज़र रहेगी क्योंकि इस सेगमेंट में रेंज और टॉर्क डिमांड मजबूत है।
  • Hyundai New Venue (उम्मीद: 24 अक्टूबर 2025 | ₹7.90–14 लाख) — नए डिज़ाइन एलिमेंट्स, बेहतर कनेक्टेड फीचर्स और सेफ्टी अपडेट की उम्मीद। इंजन लाइनअप में मौजूदा पेट्रोल-डीजल ऑप्शन बने रहने के संकेत मिलते हैं।
  • Hyundai Tucson 2025 (उम्मीद: ₹30 लाख+) — प्रीमियम 5-सीटर में टेक-हैवी इंटीरियर, ADAS और रिफाइन्ड ड्राइवट्रेन इसकी USP रहेगी।
  • Volvo EX30 (उम्मीद: 25 सितंबर 2025 | ₹50 लाख) — प्रीमियम इलेक्ट्रिक SUV सेगमेंट में वॉल्वो का दमदार दांव। वैश्विक आंकड़ों के आधार पर 400–450 किमी तक की रेंज वाले वेरिएंट दिख सकते हैं, फोकस सेफ्टी और मिनिमलिस्ट डिजाइन पर।
  • BMW iX 2025 (उम्मीद: 14 अक्टूबर 2025 | ₹1.45 करोड़) — बैटरी और सॉफ्टवेयर अपडेट के साथ फ्लैगशिप इलेक्ट्रिक SUV का नया अवतार, लंबी दूरी और हाई-एंड टेक्नोलॉजी इसका केंद्र बिंदु।
  • Toyota Urban Cruiser EV (उम्मीद: सितंबर 2025 | ₹20–25 लाख) — Nexon EV और XUV400 को टारगेट करेगा। टॉयोटा की बैटरी मैनेजमेंट और एफिशिएंसी पर पकड़ इसे अलग पहचान दे सकती है।
  • VinFast VF6 & VF7 (उम्मीद: अगस्त 2025 | ₹25 लाख और ₹50 लाख के आसपास) — वियतनामी ब्रांड का लोकल प्रोडक्शन तमिलनाडु में तय दिशा दिखाता है। दावा है कि टॉप वेरिएंट में ~450 किमी तक की रेंज मिल सकती है, सर्विस नेटवर्क की स्पीड यहाँ गेम-चेंजर होगी।
  • Renault Kiger Facelift (उम्मीद: अगस्त 2025 | ₹6.15–11.23 लाख) — हल्के कॉस्मेटिक बदलाव, अपडेटेड इंटीरियर और नए सेफ्टी फीचर्स के साथ माइक्रो-एसयूवी खरीदारों को रिटेन करने की रणनीति।

इन लॉन्च के साथ कंपनियां सेगमेंट-टू-सेगमेंट कवरेज पर काम कर रही हैं—माइक्रो-एसयूवी से लेकर प्रीमियम और लक्ज़री ईवी तक। पेट्रोल और डीजल की पारंपरिक जोड़ी के साथ CNG और स्ट्रॉन्ग-हाइब्रिड की हिस्सेदारी भी बढ़ रही है, क्योंकि CAFÉ नॉर्म्स और रियल-वर्ल्ड माइलेज की डिमांड कंपनियों को ज्यादा कुशल पावरट्रेन की तरफ धकेल रही है।

टेक्नोलॉजी फ्रंट पर Level-2 ADAS, 360-डिग्री कैमरा, हेड-अप डिस्प्ले, वेंटिलेटेड सीट्स, वायरलेस Android Auto/Apple CarPlay अब 10–20 लाख की एसयूवी में भी मिल रहे हैं। Bharat NCAP के आने के बाद कई मॉडल बेहतर स्ट्रक्चरल सेफ्टी और छह एयरबैग जैसे फीचर्स पर जोर दे रहे हैं।

खरीदने से पहले क्या ध्यान रखें

खरीदने से पहले क्या ध्यान रखें

इतने विकल्पों में सही चुनाव मुश्किल हो सकता है। कुछ सीधी, काम की बातों पर टिकिए—आपका रूटीन, आपका बजट और आपकी प्रायोरिटी (सेफ्टी, स्पेस, टेक)।

  • आपका रोज़ाना यूज़ — शहर में 30–50 किमी का अप-डाउन है और पार्किंग में चार्जिंग नहीं है तो पेट्रोल/सीएनजी या स्ट्रॉन्ग-हाइब्रिड समझदारी है। लंबी हाईवे ड्राइव ज्यादा हैं तो डीजल या स्ट्रॉन्ग-हाइब्रिड बेहतर टॉर्क और एफिशिएंसी देते हैं।
  • EV तभी लें जब चार्जिंग आसान हो — घर/ऑफिस पर चार्जर लगाने की सुविधा, साप्ताहिक किलोमीटर और ट्रिप पैटर्न देखें। छोटे शहरों में सार्वजनिक चार्जिंग धीमी बढ़ रही है, तो बैकअप प्लान रखें।
  • टोटल ऑन-रोड कॉस्ट — एक्स-शोरूम पर RTO, इंश्योरेंस, हैंडलिंग आदि मिलाकर 10–15% तक जोड़िए। एक्सटेंडेड वारंटी, सर्विस पैकेज और RSA की कीमत भी पहले ही काउंटर पर साफ कर लें।
  • सेफ्टी पहले — कम से कम 6 एयरबैग, ESP, ISOFIX, 3-पॉइंट सीटबेल्ट, TPMS और अच्छे ब्रेक्स देखें। ADAS हो तो उसकी कैलिब्रेशन और डीलर डेमो जरूर लें, क्योंकि गलत सेटिंग झुंझलाहट बढ़ाती है।
  • टेस्ट ड्राइव में क्या देखें — सस्पेंशन का बर्ताव, स्पीड पर केबिन नॉइज़, ब्रेकिंग फील, एर्गोनॉमिक्स (सीट सपोर्ट, विज़िबिलिटी), इंफोटेनमेंट की लेग। रात में भी छोटी ड्राइव कर हेडलैम्प क्वालिटी देखें।
  • बूट और बेंच — फैमिली यूज़ है तो रियर सीट की अंडर-थाई सपोर्ट, बैकरेस्ट एंगल और बूट लोडिंग लिप पर ध्यान दें। छत पर कैरियर लगाना हमेशा विकल्प नहीं होता।
  • फेस्टिव ऑफर्स की रणनीति — बेस्टसेलर वैरिएंट पर डिस्काउंट कम मिलता है और वेटिंग ज़्यादा रहती है। अगर डिलीवरी जल्दी चाहिए तो कम-डिमांड कलर/ट्रिम देखें। एक्सचेंज बोनस, कॉर्पोरेट डिस्काउंट, लो-EMI स्कीम पर ठंडी दिमाग से मोलभाव करें।
  • रिसेल और मेंटेनेंस — ब्रांड और मॉडल की सेकेंड-हैंड वैल्यू चेक करें। सर्विस इंटरवल, पार्ट्स की कीमत और आपके शहर में वर्कशॉप की उपलब्धता निर्णायक होती है।

ईंधन की बढ़ती कीमतों के बीच स्ट्रॉन्ग-हाइब्रिड की लोकप्रियता इसलिए बढ़ी है कि शहर में यह अक्सर EV मोड में चलता है और रेंज चिंता नहीं रहती। दूसरी तरफ CNG का लो-रनिंग-कोस्ट फायदा है, पर बूट स्पेस और पावर डिप थोड़े समझौते हैं। डीजल पर शहर के भीतर DPF रीजनरेशन की कहानी समझ लें—अगर ट्रैफिक में ही कार चलेगी तो समय-समय पर हाईवे स्पिन जरूरी होगा।

लक्ज़री और प्रीमियम ईवी—जैसे Volvo EX30 और BMW iX—टेक और साइलेंस का अलग अनुभव देती हैं, मगर होम चार्जिंग से बिना यह आसान नहीं। बैटरी वारंटी (आमतौर पर 8 साल/एक तय किलोमीटर), फास्ट-चार्जिंग कर्व और सर्विस नेटवर्क की दूरी जैसे बिंदु लिख कर रखें।

जो खरीदार पहली बार ADAS ले रहे हैं, वे यह समझें कि यह ड्राइवर-असिस्ट है, ड्राइवर-रिप्लेसमेंट नहीं। भारत की सड़क परिस्थितियों में फॉल्स अलर्ट संभव हैं—लेन-कीपिंग, अडेप्टिव क्रूज़ की सेटिंग अपने हिसाब से ट्यून करें और जरूरत हो तो बंद भी रखें।

टैक्स स्ट्रक्चर के बावजूद एसयूवी की मांग इसलिए टिकाऊ दिखती है क्योंकि भारत में हाई ग्राउंड-क्लीयरेंस, ऊंची सीटिंग और “गो-एनीवेयर” भरोसे को लोग पसंद करते हैं। कंपनियां भी उसी के मुताबिक प्लेटफॉर्म, सेफ्टी और ड्राइवट्रेन को ट्यून कर रही हैं। आने वाले महीनों में Maruti Victoris जैसी मास-मार्केट कारों से लेकर Volvo EX30 जैसे प्रीमियम ईवी तक, शोरूम में विकल्पों की कमी नहीं होगी—जरूरत सिर्फ आपकी जरूरतें साफ रखने की है।

एक टिप्पणी लिखें