हर साल मई माह के दूसरे रविवार को अंतर्राष्ट्रीय मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है | पर क्या वाकई माँ एक शब्द मात्र है ? क्या सिर्फ एक दिन माँ के लिए रखा जाना चाहिए ? तो आइये जानते हैं कुदरत के अनोखे करिश्मे के बारे में और माँ के बारे में क्योंकि कुदरत हर जगह हर किसी के पास नहीं हो सकती थी इसलिए उसने माँ को बनाया |
माँ महज़ एक शब्द नहीं यह अपने आप में पूरी श्रष्टि है जो हर पल हर समय साए की तरह साथ रहती है | ग्रीक और रोमन सभ्यता में भी माँ को ऊँचा स्थान देने के लिए इस दिवस की शुरुआत की गयी थी | श्री कृष्णा से लेकर इसा मसीह तक एक माँ ही थी जिसने इनका सृजन किया |
माँ का अंचल अमूल्य-
अमूमन देखा गया है कि बच्चे बड़े हो जातें हैं और समझते हैं उन्होंने सब सीख लिया पर ऐसा कदापि नहीं है | माँ के लिए ताउम्र एक इंसान बच्चा ही रहता है | चाहे अमीर हो या गरीब, बूढ़ी हो या जवान माँ का कर्तव्य अपने बच्चों के प्रति एक सा ही होता है | इस कर्तव्य का कोई आंकलन नहीं है क्यूंकि एक मजदूर माँ भी धूप में तपते अपने मासूम बच्चे के लिए आँचल फैला देती है जो अमूल्य है |
जिस घर में माँ नहीं होती वह घर अपना नहीं लगता और जब माँ ना मारे गलतियाँ करने पर चांटा तब तक मन नहीं भरता |
ऐसा ही एक मार्मिक रिश्ता होता है माँ के साथ जिसको सिर्फ महसूस किया जा सकता है | तो आइये जाने कुछ ऐसा जो माँ को करदे खुश |
इस बार बैठें माँ के साथ-
ज़रूरी नहीं है कि खुश करना है तो बस गिफ्ट्स का सहारा लिया जाए | कभी कभी एक छोटी सी बात भी दिल को सुकून दे जाती है | अब लॉकडाउन है और बाहर जा नहीं सकते तो घर में ही अपनी माँ के साथ बैठें और उनसे अनुभव साझा करें | यकीन करें उनसे बात करने के बाद जो माँ के चेहरे की मुस्कान होगी उसका कोई जवाब नहीं होगा | अब गिफ्ट्स की बात निकली है तो अपने बच्चों से समय पाना एक माँ के लिए सबसे बड़ा तोहफा होता है | अगर चाहें भी तो घर में कुछ अच्छा सा बना के दे सकते पर इसे सरप्राइज रखेंगे तो ज्यादा अच्छा होगा क्योंकि आप माँ को स्पेशल महसूस करा पायेंगे |
घर में माँ के लिए कुछ बनाये-
वैसे भी किचन में माँ के साथ हाथ बंटाना एक अच्छी आदत है पर इस बार आप कुछ बनाइये | ज़रूरी नहीं कि हर कोई कुक हो पर इन्टरनेट का ज़माना है कई वीडियो मिल जाएंगे माँ की मनपसंद डिश वाले | बस फिर क्या है घुसिए किचन में और हो जाइये शुरू | शायद आपको पता ना हो पर एक अच्छा रिश्ता पेट से भी जुड़ा होता है | अच्छा खाना मन प्रसन्न करता है और रिश्ते मज़बूत बनते हैं |
अंतिम शब्द-
यह कोई एक दिन का दिखावा नहीं है क्योंकि मदर्स डे हर साल आएगा और जाएगा पर एक चीज़ नहीं बदलेगी आपकी माँ के प्रति आपका फ़र्ज़ जिसका निर्वाह प्रतिदिन करना होगा | हमारी माताएं ऐसी ही हैं बिना कुछ बोले सब कुछ कह जाती हैं अपने आप समझ जाती हैं कि हम क्या चाहते हैं | हर दिन जुट जाती हैं हमारे लिए तो अब उस क़र्ज़ को थोडा हल्का करने का मौका भी है और दस्तूर भी तो पीछे क्यों हटना |
“KhabarTak इस भारत माता और देश की हर माता को शत शत नमन करता है जिसके बिना जीवन की कल्पना भी मुमकिन नहीं है” |
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