
समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश शासन अरुण कुमारी कोरी ने भाजपा नेताओं द्वारा दलित घर विश्राम एवं भोजन कर दलित प्रेम दिखाने को महज दिखावा बताया ।
श्रीमती कोरी ने कहा 4 साल बाद भाजपा को आज अचानक दलितों की सुध का नाटक कर रही है, 4 साल में इससे पहले भाजपा को दलितों की सुध क्यों नही आयी । यदि भाजपा दलितों की इतनी ही बड़ी हितैषी बन रही है तो क्यों न दलितों पर हो रहे अत्यचार को रोकने का कोई अध्यादेश लाती । तथा समाज मे दलितों को उनके आर्थिक-सामाजिक सशक्तिकरण के हक-हुकूक को दिलाने के लिये 4 साल में अब तक कोई ठोस कानून क्यों नही बनाया !
दलित घर रात्रिविश्राम तथा खाना खाने के बहाने भी भाजपा दलितों को अपमानित करने तथा उनपर जुर्म करने का काम कर रही है, भाजपा सरकार के मंत्री, विधायक जबरन दलितों के घरों में घुसकर बाहर से खाना लाकर फ़ोटो खिंचाकर झूठी वाहवाही लूटने तथा दलित समाज का मानसिक, आर्थिक एवं पारिवारिक शोषण करने का काम कर रहे हैं । भाजपा नेताओ के इस जोर-जबरदस्ती से दलित समाज में भय का माहौल व्याप्त है ।
श्रीमती कोरी ने स्पष्ट किया कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी ने अपने कार्यकाल में जाति-धर्म से ऊपर उठकर सर्वसमाज के उत्थान के लिये जो अप्रत्याषित कार्य किये वह किसी से छुपे नही है चाहे वह कन्या विद्याधन, लैपटॉप वितरण, समाजवादी पेंशन, 108-102, डायल 100 लागू किया उन सभी योजनाओ से सबसे अधिक दलित समाज ही लाभान्वित हुआ । साथ ही सरकार तथा संगठन में भी दलित समाज को बराबर भागीदारी देकर दलित समाज को सम्मानित करने का जो अतुलनीय कार्य श्री अखिलेश यादव जी ने किया उसके लिये दलित समाज सदैव उनका आभारी रहेगा ।
भाजपा सरकार में गुण्डाराज इस कदर व्याप्त है कि दलित बहन-बेटियां पर अत्याचार से बचाव तो दूर संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमाओं को भी भाजपा के नेता जगह-जगह तोड़ने का कार्य कर रहे हैं । भाजपा के विधायक दलितों की बेटियों बलात्कार जैसी जघन्य जुर्म-ज्यादती कर रहे हैं । भाजपा के यह सभी कृत्य यह साबित कर है हैं भाजपा कतई दलित हितैषी नही हैं ।
बढ़ रहे अपराध तथा जातिवादी दम्भ से आज दलित समाज अनगिनत समस्यायों से ग्रसित है । एक तरफ भाजपा विधायक दलित की बेटियों की इज्जत-आबरू लूटता है दूसरी तरफ भोजन कर रात्रिविश्राम! यह दोहरा चरित्र भाजपा का दलितों के प्रति धोखा है । मैं भाजपा से माँग करती हूँ कि यदि दलितों के प्रति आपका वास्तविक प्रेम है तो उन्हें रोजी-रोटी, मकान, शिक्षा तथा न्यायिक मामलों से छुटकारा हेतु एसआईटी गठित कर उन्हें लाभान्वित करने का कार्य करे । साथ ही महिलाओं एवं बेटियों की सुरक्षा हेतु ठोस कदम उठाये, जिससे दलित समाज राहत की सांस ले सके । महज रात्रि विश्राम एवं भोजन करके उनके घावों में नमक का छिड़काव न करें ।
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